Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Sep, 2022 08:34 AM
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नवरात्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने अभी से यमुना को प्रदूषित होने से बचाने के लिए दुर्गा पूजा के बाद यमुना में प्रतिमा विसर्जन करने पर पूरी तरह से रोक
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): नवरात्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने अभी से यमुना को प्रदूषित होने से बचाने के लिए दुर्गा पूजा के बाद यमुना में प्रतिमा विसर्जन करने पर पूरी तरह से रोक लगाने का दिशा-निर्देश जारी किया है। डीजेबी ने कहा है कि विजसर्जन सिर्फ कृत्रिम तालाबों में ही हो इसकी पूर्ण व्यवस्था की जाए।
दरअसल यमुना को प्रदूषित होने से रोकने और दुर्गा पूजा के दौरान विशेष सुविधा देने के मद्देनजर डीजेबी उपाध्यक्ष ने एक उच्चतरीय बैठक की। बैठक में जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी, दक्षिणी दिल्ली के 3 एसडीएम, बाढ़ और सिंचाई विभाग के अधिकारी, कई पूजा समितियों के प्रतनिधि और अन्य कई विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में डीजेबी उपाध्यक्ष ने सभी विभागों के उच्च अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि पूजा के बाद का मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन सिर्फ कृत्रिम तालाबों में ही हो।
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उपाध्यक्ष ने बाढ़ और सिंचाई विभाग को यह निर्देश दिया कि वह विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों का निर्माण करे। डीजेबी अधिकारी इन कृत्रिम तालाबों में पानी की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें। ताकि विसर्जन की पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके। इसके अलावा उन्होंने दक्षिणी दिल्ली में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूजा आयोजन स्थलों के आसपास की सड़कों के सौंदर्यीकरण करने, लाइटों की व्यवस्था करने और चाकचौबंद सुरक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए मैंने कृत्रिम तालाब बनाने और उसमें पानी भरने के निर्देश दिए हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यमुना में विसर्जन को लेकर एनजीटी के निर्देशों का पालन करें, ताकि 2025 तक स्वच्छ और निर्मल यमुना का लक्ष्य पूरा किया जा सके।
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