Edited By Prachi Sharma,Updated: 16 Feb, 2025 06:40 AM
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संकष्टी चतुर्थी एक विशेष हिंदू त्योहार है, यह व्रत हर महीने की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को समर्पित होता है। यह विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के दिन के रूप में मनाई जाती है।
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Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी एक विशेष हिंदू त्योहार है, यह व्रत हर महीने की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को समर्पित होता है। यह विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के दिन के रूप में मनाई जाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने के बाद भक्त उनके आशीर्वाद से हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति की कामना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को भोग अर्पित करने की परंपरा है, जो सुख-समृद्धि, सौभाग्य और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। उनका आशीर्वाद जीवन में सुख, समृद्धि, ज्ञान और बुराइयों से मुक्ति देने वाला होता है। संकष्टी चतुर्थी का दिन विशेष रूप से इस उद्देश्य से मनाया जाता है ताकि भक्तों के जीवन में आयी सभी समस्याएं समाप्त हो सकें और वे भगवान गणेश के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकें। संकष्टी चतुर्थी के दिन उपवास रखने, पूजा करने और विशेष रूप से भोग अर्पित करने से भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आज के दिन भगवान गणेश को कौन सी चीजों का भोग लगाना चाहिए।
लड्डू: भगवान गणेश को सबसे प्रिय भोग लड्डू होते हैं विशेषकर मोदक लड्डू। यह मीठा व्यंजन विशेष रूप से गणेश पूजा में अर्पित किया जाता है। मोदक के अलावा, तिल लड्डू और नारियल के लड्डू भी भगवान गणेश को अर्पित किए जा सकते हैं। ये भोग भगवान गणेश को प्रसन्न करते हैं। भगवान गणेश को मोदक बेहद प्रिय है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस भोग को अर्पित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
तिल के लड्डू: तिल के लड्डू को भगवान गणेश को भोग के रूप में अर्पित करना एक विशेष धार्मिक परंपरा है। तिल का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है और इसे शांति, समृद्धि, और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है। तिल के लड्डू विशेष रूप से मकर संक्रांति जैसे अवसरों पर बनाए जाते हैं लेकिन भगवान गणेश को अर्पित करना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह भोग उन्हें प्रसन्न करता है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
नारियल: नारियल भगवान गणेश का प्रिय फल है और इसे खासतौर पर पूजा में अर्पित किया जाता है। नारियल को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी के दिन नारियल को शुद्ध करके भगवान गणेश को अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। नारियल का पानी और गिरी भी स्वादिष्ट होती है, जो शरीर को भी शीतलता प्रदान करती है।
दूध, घी और शहद: दूध, घी और शहद का मिश्रण भी गणेश जी को अर्पित करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है। यह मिश्रण शुद्धता का प्रतीक होता है और इसे पूजा में अर्पित करने से घर में समृद्धि आती है। इसे भगवान गणेश को चढ़ाकर भक्त उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
शक्कर और गुड़: भगवान गणेश को शक्कर और गुड़ भी प्रिय होते हैं। इन दोनों का उपयोग पूजा में विशेष रूप से किया जाता है। शक्कर और गुड़ का भोग अर्पित करने से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है और यह भोग घर में आनंद और सुख का माहौल बनाता है। यह मिठास भगवान गणेश के आशीर्वाद का प्रतीक मानी जाती है।