Eid al Adha 2024: आज मनाई जाएगी बकरीद ? जानें क्या है इसे मनाने के पीछे का रहस्य

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jun, 2024 02:53 PM

eid al adha

ईद उल-अजहा, जिसे लोग बकरीद के नाम से भी जानते हैं, को अल्लाह के प्रति अटूट विश्वास और खुदा के हुक्म को मानने के रूप में देखा जाता है। इस्लामी कैलेंडर के आखिरी

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Eid al Adha 2024: ईद उल-अजहा, जिसे लोग बकरीद के नाम से भी जानते हैं, को अल्लाह के प्रति अटूट विश्वास और खुदा के हुक्म को मानने के रूप में देखा जाता है। इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने जिलहिज्जा के दसवें दिन इस त्यौहार की शुरुआत होती है, जो 3 दिन तक चलता है। इस्लाम धर्म में इस दिन को पैगम्बर हजरत इब्राहीम द्वारा अल्लाह के हुक्म को मानने और अल्लाह के लिए हजरत इब्राहीम के दिल में खुदा के प्रति प्रेम और उनके आज्ञाकारी होने के रूप में देखा जाता है।

आज का पंचांग- 17 जून, 2024

Gayatri Jayanti: आज मनाई जाएगी गायत्री जयंती, जानें इस मंत्र की महिमा

Gayatri Jayanti : इस समय करें गायत्री मंत्र का जाप, वेद पढ़ने के समान मिलेगा पुण्य लाभ

Tarot Card Rashifal (17th June): टैरो कार्ड्स से करें अपने भविष्य के दर्शन

लव राशिफल 17 जून - बांहों के दरमियां दो प्यार मिल रहे हैं

आज का राशिफल 17 जून, 2024- सभी मूलांक वालों के लिए कैसा रहेगा  

Nirjala Ekadashi- निर्जला एकादशी व्रत से करें मनोकामनाएं पूर्ण

Weekly numerology (17th-23rd June): जन्मतिथि से जानिए आपके लिए कितना शुभ रहेगा यह सप्ताह

आज जिनका जन्मदिन है, जानें कैसा रहेगा आने वाला साल

Bhimseni Ekadashi: जानें, कैसे आरंभ हुआ निर्जला एकादशी व्रत

Sri guru arjan dev ji shaheedi diwas: गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर में मनाया  श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस 

गायत्री जयंती: आज इन राशियों के सुखों में होगी वृद्धि  

PunjabKesari Eid al Adha

माना जाता है कि हजरत इब्राहीम की परीक्षा लेने के लिए सपने में अल्लाह उन्हें अपनी बेहद प्यारी चीज को कुर्बान करने का आदेश देते हैं। खुदा के इस हुक्म पर अमल करते हुए हज़रत इब्राहीम धन-दौलत आदि को पीछे करते हुए अपने इकलौते और बेहद प्यारे पुत्र इस्माईल अलैहिस्सलाम को अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिए चल देते हैं। अल्लाह इब्राहीम की इस श्रद्धा से बेहद खुश होते हैं। वह इस्माइल को कुर्बान नहीं होने देते, प्रतीक के रूप में एक दुम्बा खुदा की ओर से आता है। खुदा इब्राहीम को हुक्म देते हैं कि उनकी कुर्बानी उन्हें कबूल है। अपने बेटे को नहीं, आप इस दुम्बे को कुर्बान करें। उसी समय से कुर्बानी की यह रस्म चली आ रही है।

PunjabKesari Eid al Adha

अल्लाह को खुश करने के लिए इस दिन मुसलमान अपनी बुराइयों की भी कुर्बानी करते हैं। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर आपस में खुशियां बांटते हैं। यह त्यौहार एक धार्मिक रस्म न होकर सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह लोगों और परिवारों को एक-दूसरे के नजदीक लाता है तथा बलिदान, विश्वास और श्रद्धा तथा आज्ञाकारी होने का संदेश देता है। यह त्यौहार हमें प्यार और समर्पण के रास्ते पर चलने की शिक्षा देता है।

इसी समय इस्लाम के प्रमुख पांच स्तंभों में से एक हज की प्रक्रिया भी होती है। इस्लाम में दी गई शर्तों को पूरा करने वाले आर्थिक रूप से मजबूत हर मुसलमान पर हज करना जरूरी होता है। हज भी एक प्रकार से लोगों को अध्यात्म और भाईचारे की गहराइयों में लेकर जाता है। इस दिन हमें अपने अंदर की बुराइयों को भी कुर्बान करना होता है।

PunjabKesari Eid al Adha

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!