Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Mar, 2024 06:33 AM
सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही किसी पवित्र नदी में स्नान, तप और दान करने का विधान है। ऐसा करने से जातकों की मनचाही इच्छा पूरी होती है और
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Falgun Amavasya 2024: सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही किसी पवित्र नदी में स्नान, तप और दान करने का विधान है। ऐसा करने से जातकों की मनचाही इच्छा पूरी होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा इस दिन गरीबों को भोजन कराना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस साल लोगों के बीच फाल्गुन अमावस्या को लेकर कन्फ्यूज बनी हुई है। आइए जानते हैं इस बार फाल्गुन अमावस्या 9 या 10 मार्च किस तारीख को मनाई जाएगी।
When is Falgun Amavasya 9th or 10th March फाल्गुन अमावस्या 9 या 10 मार्च कब
पंचांग के अनुसार फाल्गुन अमावस्या की शुरुआत 9 मार्च 2024 को शाम 06 बजकर 17 पर होगी और अगले दिन 10 मार्च 2024 को दोपहर 02 बजकर 29 पर इसकी समाप्ति होगी। इस साल 10 मार्च को फाल्गुन अमावस्या मनाई जाएगी।
स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.49 से सुबह 05.48 तक।
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.08 से दोपहर 01.55 तक।
Importance of Falgun Amavasya फाल्गुन अमावस्या का महत्व
सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या का बहुत महत्व है। माना जाता है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में देवी-देवताओं का निवास होता है। इस दिन पितरों के तर्पण और दान का विशेष महत्व होता है। फाल्गुन अमावस्या को स्नान-दान से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सांसारिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
Falgun Amavasya Puja Method फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
फाल्गुन अमावस्या पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
इसके बाद स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। अगर हो सके तो पवित्र नदी में स्नान करें।
फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत का संकल्प लें।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंड दान करें।
गरीबों और जरुरतमंदों को अपनी शक्ति के अनुसार दान करें।