Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Feb, 2025 06:41 AM

Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या आमतौर पर फरवरी और मार्च के बीच आती है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, यह दिन कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है और इसे विशेष धार्मिक अनुष्ठान करने का दिन माना जाता है। पितृ तर्पण, श्राद्ध और आत्मा की शांति के लिए...
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Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या आमतौर पर फरवरी और मार्च के बीच आती है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, यह दिन कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है और इसे विशेष धार्मिक अनुष्ठान करने का दिन माना जाता है। पितृ तर्पण, श्राद्ध और आत्मा की शांति के लिए फाल्गुन अमावस्या विशेष रूप से समर्पित होती है इसलिए इस रोज स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए पुण्य कर्मों से बेहद प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। जाने-अनजाने कई बार कुछ ऐसे काम हो जाते हैं, जिससे पितर नाराज हो जाते हैं। तो फाल्गुन अमावस्या के दिन न केवल नाराज पितरों को मनाया जा सकता है बल्कि जीवन में चल रही अन्य समस्याओं का समाधान भी प्राप्त किया जा सकता है।

पितृ पूजा और तर्पण:
फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व पितरों की शांति और तर्पण के लिए होता है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि इस दिन पितरों को तर्पण और श्रद्धांजलि अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे अपने संतान के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। यह दिन विशेष रूप से उन पितरों के लिए होता है, जिनका श्राद्ध नहीं किया जा सका है या जिनकी तिथि याद नहीं रही हो।
उपाय: इस दिन विशेष रूप से पितरों के लिए तर्पण करना, उनका नाम लेकर जल अर्पित करना, भोजन अर्पित करना आदि विशेष रूप से शुभ माना जाता है। गाय, कौवा, चींटियों और कुत्ते को भोजन देने से भी पितर प्रसन्न होते हैं।

पितरों की उपासना के लिए करें इन मंत्रों का जाप (Phalgun Amavasya Puja Mantra) घर के बाहर मुख्यद्वार पर सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं, फिर इन मंत्रों का जाप करें। परिवार में चल रहा कलेश समाप्त होगा, धन मार्ग में चली आ रही बाधाएं समाप्त होंगी।
ॐ श्री पितराय नम:।।
ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम।।
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
संतान सुख की प्राप्ति:
कई शास्त्रों में उल्लेख है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन विशेष रूप से संतान सुख के लिए व्रत और पूजा की जाती है। इस दिन का व्रत महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति के लिए करती हैं और कई धार्मिक विधियों का पालन करती हैं।
उपाय: इस दिन महिलाएं विशेष रूप से 'पुत्रकामेश्वर व्रत' करती हैं, जिसके तहत वे विशेष रूप से व्रत रखती हैं और संतान सुख के लिए भगवान शिव की पूजा करती हैं।

धन और समृद्धि के लिए उपाय:
इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए दान और पूजा से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और समृद्धि प्राप्त होती है।
उपाय: इस दिन विशेष रूप से उधारी चुकता करना, गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करना और पीपल के वृक्ष के नीचे दीप जलाना बहुत शुभ माना जाता है।
