Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Feb, 2025 07:08 AM

February Panchak 2025: पंचक एक महत्वपूर्ण समय है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित होता है। यह विशेष रूप से उन पांच दिनों के लिए होता है। जब चंद्रमा मकर, कुम्भ, मीन, मेष, और वृष राशि में होता है। पंचक आमतौर पर हर महीने आते हैं। पंचक में आत्मिक...
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February Panchak 2025: पंचक एक महत्वपूर्ण समय है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित होता है। यह विशेष रूप से उन पांच दिनों के लिए होता है। जब चंद्रमा मकर, कुम्भ, मीन, मेष, और वृष राशि में होता है। पंचक आमतौर पर हर महीने आते हैं। पंचक में आत्मिक शुद्धि, साधना, दान और शांति का समय माना जाता है। यह समय जीवन की नकारात्मकता से दूर रखने और अपनी आध्यात्मिकता को बढ़ाने का है। महीने में 5 दिन पंचक के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।

कब से लग रहा है फरवरी 2025 में पंचक ?
हिंदू कैलेण्डर के अनुसार, पंचक का आरंभ 27 फरवरी 2025 की सुबह 4:40 पर होगा और समापन 3 मार्च 2025 की प्रात: 8:59 पर होगा। अत: 27 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक पंचक रहेगा।

Panchak Niyam: पंचक के दौरान शास्त्रों के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण बातें:
What to do during panchak पंचक के दौरान क्या करें:
दान और पुण्य: पंचक के समय दान करना बहुत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक सामग्री दान करना चाहिए।
पवित्रता बनाए रखें: इस दौरान स्नान और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। खासकर, गंगा स्नान करना या जल में तर्पण करना पुण्य दायक होता है।
शांति बनाए रखें: पंचक के समय को शांति और ध्यान में बिताना चाहिए। मानसिक शांति और साधना का महत्व अधिक होता है।
प्राकृतिक संरक्षण: पंचक के समय पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों की देखभाल करना और उन्हें आशीर्वाद देना महत्वपूर्ण है।

What not to do during Panchak पंचक के दौरान क्या नहीं करें:
शादी और विवाह: पंचक के दौरान शादी या अन्य मांगलिक कार्यों को न करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, यह समय शुभ नहीं माना जाता है।
नई शुरुआत: किसी भी नए काम जैसे घर खरीदना, नया व्यापार शुरू करना या नई नौकरी शुरू करना, पंचक में टालना चाहिए।
यात्रा: लंबी यात्रा पर निकलना भी इस दौरान अनुशंसा नहीं की जाती। खासकर, नदियों, सागर या किसी अन्य स्थान पर यात्रा करना नुकसानदेह हो सकता है।
अशुभ कार्य: इस समय में झगड़े, हिंसा या कोई भी नकारात्मक कार्य करना वर्जित होता है। पंचक का समय मानसिक और शारीरिक विश्राम का है, न कि व्यावहारिक तनाव का।
