Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jul, 2024 10:55 AM
आजकल जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें से एक्वेरियम भी एक है। हालांकि एक्वेरियम रखते समय वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों का ध्यान रखें-
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Vastu Placement of Fish Aquarium : आजकल जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें से एक्वेरियम भी एक है। हालांकि एक्वेरियम रखते समय वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों का ध्यान रखें-
यदि आप अपने परिवार की आर्थिक समृद्धि चाहते हैं, तो घर की उत्तर दिशा में एक्वेरियम रखें।
बच्चों में अच्छे संस्कार, पढ़ाई और करियर में सुधार के लिए घर की पूर्वोत्तर दिशा में एक्वेरियम लगाएं।
एक्वेरियम को हमेशा ड्राइंग रूम, लॉबी या किसी ऐसी जगह पर रखना चाहिए कि बाहर से घर के भीतर प्रवेश करते समय सबसे पहले वही दिखाई दे।
अपने बैडरूम में कभी भी एक्वेरियम न रखें, इससे मानसिक अस्थिरता और नींद में बाधा आ सकती है।
एक्वेरियम में कम से कम नौ मछलियां होनी चाहिएं। इनमें आठ गोल्ड फिश एवं एक काली मछली रखनी चाहिए। काली मछली को मास्टर फिश भी कहा जाता है, जो एक्वेरियम के जल को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कुछ लोग एक्वेरियम में कछुआ भी रखते हैं। इसमें कोई हर्ज नहीं है। केवल यह ध्यान रखें कि कछुआ ज्यादा बड़ा न हो अन्यथा वह मछलियों के रहने के स्थान एवं उनके भोजन के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेगा और इससे मछलियां असहज रहेंगी। कछुए के बड़ा होने पर उसे किसी नदी या तालाब में छोड़ देना चाहिए।
कभी-कभी मछलियों में से भी कोई एक बड़ी मछली छोटी मछलियों के प्रति हिंसक हो जाती है। ऐसी मछली को भी नदी आदि में छोड़ देना चाहिए और उसके स्थान पर एक नई मछली एक्वेरियम में डाल देनी चाहिए।
यदि किसी कारण से आपको लंबे समय के लिए घर से बाहर जाना हो तो एक्वेरियम में पालक की एक-दो पत्तियां उबाल कर डाल देनी चाहिए। इससे उन्हें उनकी खुराक मिलती रहेगी।
एक्वेरियम का पानी गंदा हो जाने पर तुरंत बदलने की व्यवस्था जरूर करें। वास्तु के अनुसार घर के किसी भी हिस्से में गंदा पानी अशुभ माना जाता है।
बदलते मौसम, जैसे अत्यधिक ग्रीष्म या कड़ाके की सर्दी के दिनों में एक्वेरियम में जल का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए उचित प्रबंध करना चाहिए।
हिंदू धर्म की मान्यता में मछली को मत्स्य अवतार की संज्ञा दी गई है, जो कि भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक है। इस दृष्टि से भी मछली को बहुत शुभ माना जाता है।
यात्रा के लिए घर से चलते समय जल से भरे पात्र में रखी मछलियों का दर्शन शुभ माना जाता है।
ध्यान रखें कि जहां भी एक्वेरियम रखा जाता है, उसके आसपास तीव्र विद्युत चुंबकीय किरणों के उत्सर्जन करने वाले यंत्र जैसे टी.वी., मोबाइल चार्जर, स्टेबलाइजर, स्टीरियो सिस्टम, यू.पी.एस. आदि न रखें, वरना इससे मछलियों की मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है।
सुबह सोकर उठने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को सबसे पहले एक्वेरियम में रखी मछलियों को देखना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है और दिन भर के कार्यों में सफलता मिलती है।
एक्वेरियम को कभी भी दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी, दक्षिण-पश्चिम एवं पश्चिम-उत्तर की दिशाओं में नहीं रखना चाहिए।
आपके पास एक्वेरियम रखने की जगह नहीं है तो विकल्प के रूप में आजकल बाजार में क्रिस्टल या शीशे की बनी डॉल्फिन या जंपिंग फिश की आकृतियां भी उपलब्ध हैं। इनके शो-पीस को भी आप अपने ड्राइंग रूम, लॉबी, स्टडी या लाइब्रेरी आदि की उत्तर दिशा में रख सकते हैं।
ध्यान दें कि घर में बिना मछली का खाली पड़ा एक्वेरियम सूनेपन और उदासी का द्योतक है। ऐसा बेकार या खाली एक्वेरियम अपने घर या व्यावसायिक परिसर में कभी न रखें।