Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Jun, 2020 11:34 AM
शुक्राचार्य चर्तुर नीतिकार थे। उन्होंने अपनी नितियों को लिपिबद्ध करके शुक्रनीति नाम के प्रसिद्ध नीतिग्रन्थ की रचनी करी। इस नीतिसार का जो व्यक्ति अनुसरण करता है, उसका जीवन बेहतर और
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shukra Niti: शुक्राचार्य चर्तुर नीतिकार थे। उन्होंने अपनी नितियों को लिपिबद्ध करके शुक्रनीति नाम के प्रसिद्ध नीतिग्रन्थ की रचनी करी। इस नीतिसार का जो व्यक्ति अनुसरण करता है, उसका जीवन बेहतर और चरित्र सशक्त बनता है। जो काम आज करना है उसे आज ही समाप्त कर लें। कल पर मत टालें क्योंकि कल कभी नहीं आता। काम को अपने अंजाम तक लेकर जाने के लिए दूर की सोचें लेकिन आलस्य कभी न करें। जिन लोगों को समय पर कार्य पूरा न करने की आदत होती है वह जीवन में कभी भी कामयाब नहीं हो सकते।
कहते हैं विश्वास पर दुनिया कायम है। शुक्रनीति के अनुसार किसी पर हद से अधिक विश्वास करना नुकसान पहुंचाता है।
विश्वास और अविश्वास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किसी के चरित्र पर संदेह और भरोसा करें।
जो व्यक्ति धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। जो व्यक्ति अपनी दिनचर्या में से समय निकाल कर पूजा-पाठ, दान-कर्म आदि करता है, वह जीवन में हर वो खुशी प्राप्त करता है, जिसकी उसे चाह होती है। जहां तक संभव हो धर्म के प्रति किसी भी तरह का अपराध करने से बचें।
मनपसंद भोजन न मिलने पर अन्न का निरादर नहीं करना चाहिए। लक्ष्मी मां का एक रूप अन्न भी है। कुछ लोग क्रोध आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं, इस तरह की आदत धन वैभव एवं पारिवारिक सुख के लिए नुकसानदायक होती है।
जैसे एक व्यक्ति की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती वैसे ही परिवार-कुटुंब में रहने वाले सगे-रिश्तेदार भी एक जैसे नहीं होते। जो लोग नास्तिक या पाप कर्मों में रत रहते हैं, अपना भला चाहते हैं तो जितना जल्दी हो सके उनका त्याग कर दें।
एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। किसी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले उसकी अच्छी-बुरी आदतों पर गौर करें।