Gajalakshmi Vrat Puja Vidhi 2024: इस विधि से करें गजलक्ष्मी व्रत पूजा, धन-धान्य से भर जाएगा आपका घर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Sep, 2024 06:46 AM

gajalakshmi vrat puja vidhi 2024

गजलक्ष्मी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। गजलक्ष्मी व्रत का उल्लेख विभिन्न पुराणों में मिलता है, जिसमें देवी लक्ष्मी की महिमा का वर्णन है।

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Gajalakshmi Vrat 2024: गजलक्ष्मी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। गजलक्ष्मी व्रत का उल्लेख विभिन्न पुराणों में मिलता है, जिसमें देवी लक्ष्मी की महिमा का वर्णन है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी दुख-दर्द समाप्त होते हैं और वह सुख, समृद्धि और सफलता की ओर अग्रसर होता है। गजलक्ष्मी व्रत मां लक्ष्मी की कृपा पाने और समृद्धि के लिए किया जाता है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति करना है। इसे करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन उपवास रखा जाता है और संध्या समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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Process of Gajalakshmi Vrat गजलक्ष्मी व्रत की प्रक्रिया: व्रति (व्रत करने वाला व्यक्ति) इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करता है।
घर के मुख्य स्थान को स्वच्छ किया जाता है और वहां देवी लक्ष्मी का चित्र या मूर्ति स्थापित की जाती है।
व्रति फल-फूल, मिठाई और अन्य नैवेद्य अर्पित करता है।
व्रति विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, जैसे "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।"

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Worship method of Gajalakshmi fast गजलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि: चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर केसर-चंदन से रंगे अक्षत से अष्टदल बनाकर कलश स्थापित करें, फिर उस पर कुबेर यंत्र रखें। साथ ही मिट्टी से बने 2 हाथियों संग गजलक्ष्मी का चित्र रखें। गजलक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन करें। गौघृत का दीप व सुगंधित धूप करें, रोली, चंदन, पान, पत्र, दूर्वा, इत्र, सुपारी, नारियल व कमल पुष्प चढ़ाएं। नैवेद्य में गेहूं के आटे से बना मीठा रोट चढ़ाएं व 16 श्रृंगार चढ़ाएं। हल्दी से रंगे 16-16 सूत के 16 सगड़े बनाकर हर सगड़े पर 16 गांठे देकर गजलक्ष्मी पर चढ़ाएं। इस व्रत में 16 बोल की कथा 16 बार कहें व कमलगट्टे की माला से खास मंत्र का 16 माला जाप करें।

Story of Gajalakshmi fast गजलक्ष्मी व्रत की सोलह बोल की कथा: अमोती दमो तीरानी, पोला पर ऊचो सो परपाटन गांव जहां के राजा मगर सेन दमयंती रानी, कहे कहानी। सुनो हो महालक्ष्मी देवी रानी, हम से कहते तुम से सुनते सोलह बोल की कहानी॥

Gajalakshmi fasting mantra गजलक्ष्मी व्रत मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः॥

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