Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jul, 2024 07:05 AM
सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा के लिए बहुत उत्तम और शुभ माना जाता है। सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
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Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा के लिए बहुत उत्तम और शुभ माना जाता है। सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी 24 जुलाई, 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन बप्पा की पूजा करने और व्रत रखने से सुख-समृद्धि और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ में जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं, सावन माह के संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में-
Gajanan Sankashti Chaturthi auspicious time गजानन संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
Significance of Gajanan Sankashti Chaturthi गजानन संकष्टी चतुर्थी महत्व
सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से बप्पा की पूजा करने और व्रत रखने से हर मनोकामना पूरी होती है और गणेश जी का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही सुख-समृद्धि और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
Method of Puja on Sankashti Chaturthi संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
फिर घर के मंदिर को साफ करें और व्रत का संकल्प लें।
अब एक चौकी पर गौरी पुत्र गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद गणेश जी को पीले फूलों की माला अर्पित करें और कुमकुम का तिलक लगाएं।
गणेश जी को पीली मिठाई और मोदक का भोग लगाएं।
अब गणेश जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और मंत्रों का जाप करें।
अंत में आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।