Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Nov, 2023 09:45 AM
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती और महादेव के लाड़ले गणेश जी की पूजा करने का विधान
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Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती और महादेव के लाड़ले गणेश जी की पूजा करने का विधान है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के मुताबिक इस माह की चतुर्थी पर बेहद ही शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है। कहते हैं अगर इस दौरान पूजा कर ली जाए तो अपनी हर समस्या अपने आप दूर हो जाती है और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन रात के समय चंद्र देव की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार चंद्र देव की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं किस दिन रखा जाएगा ये व्रत और कौन से शुभ योगों का होगा निर्माण।
Ganadhipa Sankashti Chaturthi date गणाधिप संकष्टी चतुर्थी तिथि
पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 1 दिसंबर शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा। इस मुताबिक ये व्रत 30 नवंबर को रखा जाएगा क्योंकि चंद्रोदय 30 नवंबर को ही प्राप्त हो रहा है।
Ganadhipa Sankashti Chaturthi is in auspicious yoga 3 शुभ योग में है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
बता दें इस बार की चतुर्थी बेहद ही खास होने वाली है। उस दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग जो दोपहर को 3 बजे शुरू होगा और अगले दी सुबह 6 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शुभ योग और रात के समय शुक्ल योग का निर्माण होगा। इस योग में पूजा करने से आराधना का दोगुना फल प्राप्त होगा।
Ganadhipa Sankashti Chaturthi Puja Muhurat गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
चौघड़िया शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 6:55 बजे से सुबह 8:14 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर: 12:10 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर: 1:28 बजे से दोपहर 02:47 बजे तक।