Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Feb, 2025 03:00 AM
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पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था
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Ganesh Jayanti 2025: पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था और आज यह पर्व आज 1 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार गणेश जयंती 2025 में रवि योग में पड़ने जा रही है, जो इस दिन की विशेषता को और भी बढ़ा देता है। यह एक बहुत शुभ योग माना जाता है, जो भगवान गणेश की पूजा में सकारात्मक प्रभाव डालता है। तो चलिए जानते हैं आज पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-
गणेश जयंती 2025
पंचांग के अनुसार गणेश जयंती की शुरुआत माघ शुक्ल चतुर्थी तिथि 1 फरवरी को दिन में 11 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा। पूजा मुहूर्त के अनुसार यह जयंती 1 जनवरी को मनाई जाएगी।
गणेश जयंती 2025 मुहूर्त
पूजा का मुहूर्त- दिन में 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक।
रवि योग गणेश जयंती 2025
इस बार की गणेश जयंती बेहद ही खास है क्योंकि आज रवि योग बन रहा है ये योग सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन तड़के 2 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा करने से आपके जीवन से कष्ट जल्दी दूर हो जाएंगे।
रवि योग के साथ-साथ इस दिन परिघ और शिव योग का भी निर्माण होगा। परिघ योग दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा और उसके बाद शिव योग बना रहेगा।
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भद्रा का साया
शुभ योग के साथ-साथ आज के दिन भद्रा का भी साया है। ये रात को 10 बजकर 26 मिनट पर लगेगी और अगले दिन सुबह 7 बजे तक रहेगी। लेकिन गणेश जयंती के पूजा के दौरान कोई भी भद्रा नहीं है।
Pooja Vidhi पूजा विधि:
सबसे पहले दिन की शुरुआत स्नान करके करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
घर में एक शुद्ध स्थान पर भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें।
पूजा स्थल पर दीपक, अगरबत्ती और धूप का जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इसके बाद ओम गं गणपतये नमः, इस मंत्र का जाप करें और भगवान गणेश का ध्यान करें।
साथ ही साथ नवग्रह पूजन भी किया जा सकता है क्योंकि यह दिन ग्रहों के अनुकूल होता है।
कुछ लोग इस दिन उपवासी रहकर पूजा करते हैं और गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, मिठाई, और फल अर्पित करें। यह उन्हें प्रिय भोग होते हैं।
पूजा के बाद गणेश जी की आरती गाएं और घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण करें।
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