जानिए क्या है ग्वालियर के मोटे गणेश मंदिर का रहस्य

Edited By Jyoti,Updated: 02 Sep, 2022 04:17 PM

ganesh temple of gwalior

ऐतिहासिक कहे जाने वाला शहर ग्वालियर में गणेश चतुर्थी के साथ इस साल का गणेशोत्सव का महापर्व शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में पंजाब केसरी की टीम शहर के लगभग 500 वर्ष पुराने मोटे गणेश के मंदिर पर पहुंची। जहां पर इस खास अवसर पर आस्था के इस केंद्र

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ऐतिहासिक कहे जाने वाला शहर ग्वालियर में गणेश चतुर्थी के साथ इस साल का गणेशोत्सव का महापर्व शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में पंजाब केसरी की टीम शहर के लगभग 500 वर्ष पुराने मोटे गणेश के मंदिर पर पहुंची। जहां पर इस खास अवसर पर आस्था के इस केंद्र पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। तो आइए जानते हैं आखिर क्यों है मोटे गणेश से भक्तों को विशेष लगाव। 
PunjabKesari Ganesh Utsav, Ganesh Utsav 2022, Ganesh-temple-of-gwalior, Mote ganesh temple, Ganesh-temple-gwalior, gwalior Ganesh-temple, मोटे गणेश मंदिर ग्वालियर, मोटे गणेश मंदिर, Dharmik Sthal, Religious Place in Hindi, Hindu Teerth Sthal, Dharm

शहर के खासगी बाज़ार में विराजित 500 वर्ष प्राचीन इस प्रतिमा राजस्थान के मेबाड़ रियासत से स्थापित कराने के लिए लाया गया था। यहां स्थापित इस मंदिर का जीणोद्धार तत्कालीन महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने कराया था। चूकि इंदौर के बड़े गणेश की प्रतिमा के तरह इस प्राचीन प्रतिमा का आकार वृहद है। इसलिए गणेशभक्त इन्हें मोटे गणेश जी के नाम से पुकारते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि मोटे गणेश जी के दर्शन मात्र से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है। मोटे वाले गणेशजी के संबंध में एक और किदवंती प्रचलित है कि मोटे गणेशजी की प्रतिमा धरती से प्रकट हुई थी।
PunjabKesari Ganesh Utsav, Ganesh Utsav 2022, Ganesh-temple-of-gwalior, Mote ganesh temple, Ganesh-temple-gwalior, gwalior Ganesh-temple, मोटे गणेश मंदिर ग्वालियर, मोटे गणेश मंदिर, Dharmik Sthal, Religious Place in Hindi, Hindu Teerth Sthal, Dharm

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
बता दें 500 वर्ष पुराने मोटे गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष अलग थीम से लंबोदर का विशेष श्रृंगार किया जाता है। बात करें इस बार की तो इस बार बाबा को मराठा साम्राज्य की पगड़ी से सुशोभित किया गया और उन्हें कंठी-माला हाथ में लेकर अनूठी मुद्रा में सजाया गया हैं। अपनी कई पीढ़ी से मोटे गणेश भगवान की सेवा कर रहे पुजारी जगदीश शर्मा का मानना है कि मोटे गणेश के नियमित 11 बुधवार दर्शन करके दूर्वा अर्पित करने वाले भक्तों की हर मनोकामना अवश्य पूरी होती हैं।

इतना ही नहीं मोटे गणेश के मंदिर में दूर-दूर से आने वाले सभी भक्त प्रत्येक प्रकार के शुभ कार्य का निमंत्रण सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश को अर्पित करते हैं। कहा जाता है ये भक्तों में मोटे गणेश की आस्था का ही चमत्कार है कि मंदिर से जुड़ते ही उनके सभी काम ऐसे होने लगते हैं कि कुछ पता ही नहीं चलता। कुछ भक्त ऐसे भी हैं जो उनकी चरण सेवा की कामना करते हैं तो कुछ ऐसे भी जिन्हें मोटे गणेश ने वो सब दिया जो एक इंसान जीवन में चाहता है। 
PunjabKesari Ganesh Utsav, Ganesh Utsav 2022, Ganesh-temple-of-gwalior, Mote ganesh temple, Ganesh-temple-gwalior, gwalior Ganesh-temple, मोटे गणेश मंदिर ग्वालियर, मोटे गणेश मंदिर, Dharmik Sthal, Religious Place in Hindi, Hindu Teerth Sthal, Dharm

लोक मत है कि विघ्नहर्ता मंगलकर्ता प्रथम पूज्य गणेश का मोटा स्वरूप भक्तों में ये भाव हमेशा पैदा करता आया है कि बाबा अपने भक्तों की हर समस्या को दूर  करके उनके जीवन में समृद्धि का मोटापा लाते हैं। कहा जाता है इन्हीं सभी कारणों के चलते मोटे गणेश को रियासत से लेकर सियासत काल तक में भक्तों के बीच आस्था का केंद्र बिंदु माना जाता है। 
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!