Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Sep, 2024 07:08 AM
साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता की एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए महाराष्ट्र के सांगली जिले के गोटखिंडी गांव की एक मस्जिद में पिछले 44 वर्षों से वार्षिक गणेश उत्सव मनाया
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पुणे (प.स.): साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता की एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए महाराष्ट्र के सांगली जिले के गोटखिंडी गांव की एक मस्जिद में पिछले 44 वर्षों से वार्षिक गणेश उत्सव मनाया जा रहा है और इस दौरान भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती रही है। प्रत्येक वर्ष की तरह युवाओं के एक समूह ‘न्यू गणेश मंडल’ के सदस्यों ने मस्जिद के अंदर उत्सव मनाया।
‘न्यू गणेश मंडल’ के अध्यक्ष इलाही पठान ने कहा कि हिंदू और मुसलमान हर साल गणेश उत्सव को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं। मंडल के पूर्व अध्यक्ष अशोक पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘यह परंपरा 1961 में शुरू हुई थी, जब भारी बारिश के कारण स्थानीय मुसलमानों ने अपने हिंदू पड़ोसियों को मस्जिद के अंदर भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए आमंत्रित किया था।” यद्यपि यह उत्सव कई वर्षों तक नहीं मनाया गया, लेकिन 1980 में न्यू गणेश मंडल बनाया गया और तब से यह अनूठी परंपरा जारी है।
मंडल के एक अन्य सदस्य ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली शहर से 32 किलोमीटर दूर स्थित गोटखिंडी गांव में मुहर्रम, दीपावली और ईद जैसे त्यौहार भी एक साथ मनाए जाते हैं।