Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Jun, 2024 08:47 AM
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पापों से मुक्ति और अंत समय में मोक्ष प्राप्त करने के लिए ये दिन बेहद ही खास होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही मां
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Ganga Dussehra: पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पापों से मुक्ति और अंत समय में मोक्ष प्राप्त करने के लिए ये दिन बेहद ही खास होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। पंचांग के अनुसार बता दें कि 16 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस बार का ये पर्व बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इस दिन बहुत से शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। खास बात यह है कि यह योग 100 साल बाद बन रहा है। इस वजह जो भी व्यक्ति सच्चे मन से गंगा मैया की पूजा करेगा उसके द्वारा किए गए जाने-अनजाने के पापों से मुक्ति मिलेगी और साथ ही साथ अंत समय में मोक्ष की प्राप्ति होगी। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि कौन से शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है।
Shubh Sanyog शुभ संयोग
पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बता दें कि इस दिन अमृत योग और रवि योग का अद्भुत संगम होने जा रहा है। इसी के साथ इस दिन हस्त नक्षत्र भी है जो इस दिन में और भी ज्यादा चार चाँद लगा देगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का निर्माण सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक होगा और सारा दिन रवि योग रहेगा।
Do these special remedies on Ganga Dussehra गंगा दशहरा पर करें ये खास उपाय
अगर कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है तो उसे गंगा दशहरा के दिन अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लेकर एक नारियल पर बांध दें और इसकी विधि-विधान के साथ पूजा करें।
जीवन में कामयाबी प्राप्त करना चाहते हैं तो मिट्टी के घड़े को पानी से पूरा भर लें और इसके बाद इसमें चीनी डाल कर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। ऐसा करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन उनका तर्पण अवश्य करें। ऐसा करने वंश में वृद्धि होने लगती है और अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं तो भी इस उपाय को कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर कोई और खराब ग्रह परेशान कर रहा है तो इस दिन गंगा स्तोत्र का पाठ करें।
कोई भी कार्य करने से पहले अगर इस मंत्र का जाप कर लिया जाए तो हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
Mantra मंत्र: ओं नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः