Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 May, 2024 11:31 AM
हिंदू धर्म में हर त्यौहार, हर पर्व का अपना एक महत्व है। इसी बीच आपको बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन को
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Ganga Saptami: हिंदू धर्म में हर त्यौहार, हर पर्व का अपना एक महत्व है। इसी बीच आपको बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन को गंगा पूजन के नाम से भी जाना जाता है मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने मां गंगा के वेक को कम करने के लिए अपनी जटाओं में धारण किया था इसलिए गंगा सप्तमी का पर्व बेहद खास माना गया है। इस गंगा स्नान करने से सुख-सौभाग्य के साथ धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। तो आज आपको बताएंगे कि इस साल गंगा सप्तमी कब पड़ रही है। साथ ही शुभ मुहूर्त और शुभ योग के बारे में आपको बताएंगे। तो आइए जानते हैं-
सबसे पहले आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि का आरंभ 14 मई को प्रातःकाल 02 बजकर 50 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 15 मई को प्रातःकाल 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। चूंकि शास्त्रों में तीर्थ स्नान ब्रह्म मुहूर्त में शुभ माना गया है। ऐसे में गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
इस शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान करने और मां गंगा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
तो वही आगे आपको बता दें कि इस साल गंगा सप्तमी पर बेहद ही तीन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग। बता दें कि इस दिन वृद्धि योग सुबह 07 बजकर 26 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। वहीं रवि योग प्रातःकाल 05 बजकर 31 से लेकर दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक रहेगा और सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से लेकर अगले दिन प्रातःकाल 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। बता दें कि धार्मिक मान्यता है कि वृद्धि योग में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप करने से आपको कई गुना ज्यादा शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग में स्नान-दान करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सर्वार्थ सिद्धि योग में स्नान-दान, पूजा-पाठ, जप-तप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
बताते चले कि मां गंगा की पूजा के लिए गंगा सप्तमी एक पवित्र और सबसे अच्छा दिन है। इस दिन गंगा स्नान का बड़ा धार्मिक महत्व है कहा जाता है कि मां गंगा इस संसार के सभी प्राणियों के पाप नाश करती हैं। यही वजह है कि जो लोग इस दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं उसे अच्छी सेहत के साथ हर कार्य में सफलता का वरदान मिलता है।
अब आपको बता दें कि जो लोग किसी कारणवश गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो वे सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने वाले जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।