Edited By Jyoti,Updated: 09 Apr, 2021 05:32 PM
बताया जाता है गणगौर पर्व निमाड़ के प्रसिद्ध त्यौहार में से एक है। राजस्थान एवं सीमावर्ती मध्य प्रदेश का यह त्यौहार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को मनाया जाता है
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बताया जाता है गणगौर पर्व निमाड़ के प्रसिद्ध त्यौहार में से एक है। राजस्थान एवं सीमावर्ती मध्य प्रदेश का यह त्यौहार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को मनाया जाता है। कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलाएं इस दिन शिव जी जिन्हें इसर जी और देवी पार्वती जी यानि गौरी की पूजा करती हैं। इसके अलावा पूजा करते हुए दूब से पानी के छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं। पूजन के समय रेणुका की गौर बनाकर उस पर महावर, सिंदूर और चूड़ी चढ़ाने का विशेष प्रावधान है। चंदन, अक्षत, धूपबत्ती, दीप, नैवेद्य से पूजन करके भोग लगाया जाता है। गणगौर माता को रथ में बिठाकर पूरे गांव में श्रद्धा के रूप में घुमाया जाता है। इसके अलावा इस दिन पूजा के बाद कौन सी आरती का गुणगान करना चाहिए जानिए यहां-
माता पार्वती की आरती-
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।