Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Sep, 2024 08:44 AM
हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। देश भर में जितने उत्साह के साथ चतुर्थी पर गणेश जी को घर लाया जाता है, उतने ही उत्साह और धूमधाम के साथ गणपति विसर्जन पर
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Ganpati Visarjan 2024: हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। देश भर में जितने उत्साह के साथ चतुर्थी पर गणेश जी को घर लाया जाता है, उतने ही उत्साह और धूमधाम के साथ गणपति विसर्जन पर गणेश जी को विदा किया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का समापन अनंत चतुदर्शी के दिन होता है। इस दिन को गणेश जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस साल के गणेश उत्सव की शुरुआत 7 सितंबर से हो चुकी है, जिसका समापन 17 सितंबर को होगा। तो आइए जानते हैं गणपति विसर्जन की विधि के बारे में-
Ganesha Visarjan Shubh Muhurat गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त
प्रात: मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक।
अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से लेकर 04 बजकर 51 मिनट तक।
सायाह्न मुहूर्त- दोपहर 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 09 बजकर 19 मिनट तक।
रात्रि मुहूर्त- दोपहर 10 बजकर 47 मिनट से लेकर 18 सितंबर को रात्रि 03 बजकर 11 मिनट तक।
Method of Ganesh Visarjan गणेश विसर्जन की विधि
गणेश विसर्जन के दिन पूरे परिवार के साथ पूजा करें।
अब बप्पा को लड्डू, फल और मदक का भोग लगाएं।
इसके बाद गणेश जी को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और हल्दी अर्पित करें।
फिर गणेश जी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
अब एक पत्ते पर गंगा जल छिड़क कर लाल कपड़ा बिछा लें और उसी पर गणपति रखें।
अंत में गणेश जी की मूर्ति उठाकर धीरे-धीरे पानी में विसर्जित करें।
पूजा की समस्त सामग्री गणेश जी के साथ ही विसर्जित कर दें।