Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Dec, 2023 09:06 AM
गीता जयंती का दिन हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन गीता जयंती मनाए
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Geeta Jayanti 2023: गीता जयंती का दिन हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन गीता जयंती मनाए जाने का विधान है। गीता जयंती को मोक्षदा एकादशी अथवा मत्स्य द्वादशी के नाम से भी पुकारा जाता है, जो एक हिंदू उत्सव है। जब अर्जुन और श्री कृष्ण के मध्य कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवद गीता संवाद हुआ था। उसी दिन की याद में गीता जयंती महोत्सव मनाया जाता है। कहते हैं की गीता का उपदेश भक्त और भगवान के मध्य दो घड़ी तक चला था यानी दो 48 मिनट तक।
Gita Jayanti 2023 Date: इस वर्ष 22 दिसंबर 2023 शुक्रवार को गीता जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था इसीलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाने लगा। हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व है। गीता के श्लोकों में नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करने की अद्भुत शक्ति है। यह श्लोक जितने आज से 5160 पूर्व सार्थक थे, उतने आज भी हैं। यह श्लोक व्यक्ति को सपनों और निराशा की दुनिया से निकालकर जीवन की वास्तविकता से परिचित करवाते हैं।
श्री गीता न केवल इस लोक बल्कि परलोक में भी सही मार्ग पर लेकर जाने वाला पावन ग्रंथ है। गीता के उपदेश इतने शक्तिशाली हैं कि उनका पालन करने वाला व्यक्ति अच्छे-बुरे का भेद समझ सकता है। कलयुग के जीवों के लिए तो यह ग्रंथ अमृत के समान हैं। जीवन जीने की कला का यह एकमात्र साधन है, जो कभी पथ भ्रष्ट नहीं होने देता।
Gita Jayanti shubh muhurat गीता जयंती का शुभ मुहूर्त: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर 2023 की सुबह 8:15 पर शुरू होगी और 23 दिसंबर 2023 की प्रात: 7:10 पर इसका समापन होगा।