Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 03:39 PM
मंदिर में देवी-देवताअों को फूल, फल, प्रसाद आदि चीजें अर्पित की जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर देवता को दीवार घड़ी अर्पित
मंदिर में देवी-देवताअों को फूल, फल, प्रसाद आदि चीजें अर्पित की जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर देवता को दीवार घड़ी अर्पित करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि घड़ी चढ़ाने से बाबा प्रसन्न होते हैं। इस परंपरा के कारण मंदिर के देवता को घड़ी वाले बाबा कहा जाता है।
इस मंदिर पर घड़ी चढ़ाने की परंपरा लगभग 30 वर्ष पूर्व एक ट्रक चालक ने आरंभ की थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक व्यक्ति ने ब्रह्म बाबा से प्रार्थना की थी कि यदि वह ट्रक चलाना सीख लेगा तो वह दीवार घड़ी चढ़ाएगा। उसकी मन्नत पूर्ण होते ही उसने दीवार घड़ी चढ़ाई अौर तब से ही ये परंपरा बन गई।
ब्रह्म बाबा का ये मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मड़ियाहूं तहसील के जगरनाथपुर गांव में स्थित है। यहां पर भक्त बाबा से मन्नत मांगते हैं अौर पूर्ण होने पर दीवार घड़ी चढ़ाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। घड़ी वाले बाबा के मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त पूजा करने आते हैं। लोगों को विश्वास है कि बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाता। मंदिर परिसर में टंगी कीमती दीवार घड़ियों को कोई चुराना तो दूर छूने तक की भी हिम्मत नहीं करता।