Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Dec, 2024 08:31 AM
पिछले कुछ सालों से भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट गिफ्ट सिटी का नाम काफी सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये महत्वपूर्ण वैश्विक वित्तीय केंद्र हो सकता है। भारत सरकार इसे दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय...
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पिछले कुछ सालों से भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट गिफ्ट सिटी का नाम काफी सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये महत्वपूर्ण वैश्विक वित्तीय केंद्र हो सकता है। भारत सरकार इसे दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों India's Futuristic Financial & IT Hub में से एक बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। गिफ्ट सिटी में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विस्तार के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसके बाद गिफ्ट सिटी का कुल भूमि क्षेत्र करीब 3,400 एकड़ तक पहुंच जाएगा।
गांधी नगर से लगभग 12 किमी दूर साबरमती नदी के तट पर स्थित गिफ्ट सिटी का पूरा नाम, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (Gujarat International Finance Tec City - GIFT) है। गिफ्ट सिटी विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास और टिकाऊ मास्टर प्लानिंग के साथ भारत की पहली ऑपरेशनल स्मार्ट सिटी (India's first IFSC Smart City) जो GIFT को लंदन, शंघाई, न्यूयॉर्क, हांगकांग, सिंगापुर, दुबई आदि जैसे प्रसिद्ध केंद्रों के बराबर या उससे ऊपर बनाएगी जैसा कि सरकार द्वारा बताया जा रहा है।
गिफ्ट सिटी में ऑफिस, बैंक, 5 स्टार होटल, मॉल, इत्यादि के लिए कमर्शियल और रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए भव्य आकार की कई मल्टी स्टोरी बिल्डिंगें बन गई हैं और कई बिल्डिंगों का निर्माण तेजी से चल रहा है। वर्तमान में गुजरात का सबसे हायेस्ट रेजिडेंशियल टॉवर शोभा ड्रीम हाइट्स है, जोकि गिफ्ट सिटी में ही बना है। गिफ्ट सिटी में 261 एकड़ एरिये को स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) भी बनाया गया है, जहां आयातित वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क में छूट, सेवाओं पर जीएसटी और संघ या राज्य सरकार से सभी अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो मंजूरी शामिल हैं। इसी के साथ GIFT – IFSC भी कई लाभ प्रदान करता है। जिसमें IFSC के क्षेत्र में कार्यालय इकाइयों के लिए 10 वर्षों के लिए कुल कर छूट, नई कर व्यवस्था का चयन करने वाली कंपनियों के लिए कोई न्यूनतम वैकल्पिक कर नहीं, इकाइयों द्वारा प्राप्त सेवाओं पर माल और सेवा कर छूट, IFSC में इकाइयों द्वारा प्राप्त सेवाओं पर छूट, निवेशकों के लिए IFSC एक्सचेंजों में किए गए लेन-देन पर कोई जीएसटी नहीं और राज्य सब्सिडी की एक श्रृंखला शामिल हैं। गिफ्ट सिटी के किनारे रिवर फ्रंट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रिटेल और मनोरंजन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। गिफ्ट सिटी के लिए मेट्रो सेवाएं भी शीघ्र ही शुरू हो जाएंगी।
गिफ्ट सिटी की योजना का काम ईस्ट चाइना आर्किटेक्चरल डिज़ाइन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ECADI को दिया गया था, जिसे आधुनिक शंघाई के अधिकांश हिस्से की योजना बनाने का श्रेय दिया जाता है। इसी के साथ अहमदाबाद स्थित शहरी योजनाकार और वास्तुकार मोदी जी के प्रिय बिमल पटेल, जिनकी फर्म एचसीपी डिजाईन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली में नए संसद भवन का भी डिजाइन और निर्माण किया है को गिफ्ट सिटी के प्रस्तावित विस्तार के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के लिए चुना गया।
गुजरात के गांधीनगर को मुम्बई से बेहतर देश का फाइनेंशियल हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा परियोजना में वह बात नहीं बन पा रही है। जिस उम्मीद से भारत और गुजरात सरकार इस पर ताकत झोंक रही है। गुजरात सरकार ने लोगों को लुभाने के लिए गिफ्ट सिटी GIFT City में फिल्मफेयर पुरस्कार का आयोजन भी किया था परन्तु फिल्मफेयर पुरस्कार गिफ्ट सिटी की नाइट लाइफ में जान डालने में सफल नहीं रहे। अभी भी यह शहर दिन में भी पूरी तरह सक्रिय नहीं रहता और रात में तो यहां सन्नाटा पसरा ही रहता है। यहां रौनक बढ़ाने के लिए नए साल में गुजरात के अधिकारियों ने शहर में ‘नाइट लाइफ’ शुरू करने के लिए शराब की बिक्री की इजाजत भी दी।
आइये वास्तु विश्लेषण से जानते हैं कि ऐसा क्या कारण हैं कि गिफ्ट सिटी में सरकार द्वारा SEZ और IFSC से मिलने वाले टैक्स लाभ के बाद भी गिफ्ट सिटी में अभी तक भी वह रौनक क्यों नहीं आ पा रही, जिसके लिए प्रयास और कल्पना सरकार कर रही है?
इसका कारण है गिफ्ट सिटी की भौगोलिक स्थिति। इसकी भौगोलिक स्थिति वास्तुअनुकूल नहीं है क्योंकि गिफ्ट सिटी साबरमती नदी की पूर्व दिशा में डेवलप की जा रही है अर्थात साबरमती नदी गिफ्ट सिटी की पश्चिम दिशा में है, साबरमती नदी गिफ्ट सिटी के नैऋत्य कोण की तरफ घुमाव लेते हुए पश्चिम दिशा में आगे निकल गई है। इस कारण इसका ढलान पश्चिम दिशा से लेकर नैऋत्य कोण में है, और इसकी थोड़ी दूरी पर दक्षिण दिशा में नर्मदा नहर और ब्ंददमसद्ध भी है जिस पर कराई डैम भी बना है। पश्चिम दिशा और नैऋत्य कोण और दक्षिण दिशा की तरफ ढलान व पानी का स्रोत महत्वपूर्ण वास्तुदोष होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि पश्चिम दिशा, नैऋत्य कोण और दक्षिण दिशा नीची हो तथा ईशान, आग्नेय और वायव्य कोण तथा उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा ऊंचे हो तो वहां सम्पत्ति नष्ट होती है और वैभव भी नहीं मिल पाता और वहां होने वाली व्यापारिक गतिविधियों में आर्थिक हानि भी होती है
गिफ्ट सिटी के मास्टर प्लान का आकार त्रिकोणाकार है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, त्रिकोणाकार स्थान पर रहने वाले हमेशा अपने ही लोगों से परेशान रहते है और उन्हें अपने वालों से निपटने में ही पूरी ऊर्जा लगानी पड़ती है। इसलिए गिफ्ट सिटी को देश के वर्तमान फायनेंशियल हब महाराष्ट्र स्थित मुम्बई से ही ऊपर आने में अपनी पूरी ऊर्जा लगानी होगी। GIFT City का लंदन, शंघाई, न्यूयॉर्क, हांगकांग, सिंगापुर, दुबई आदि जैसे प्रसिद्ध केंद्रों के बराबर पहुंचे तो शायद ही संभव हो पाये।
यह तय है कि सरकार गिफ्ट सिटी के India's Futuristic Financial & IT Hub बनाना चाहती है लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति को देखकर लगता नहीं है कि ऐसा कभी संभव हो पायेगा।
गिफ्ट सिटी की प्लानिंग इस प्रकार की गई है कि साबरमती नदी इसकी पश्चिम दिशा में है यदि इसके विपरीत गिफ्ट सिटी की प्लानिंग साबरमती नदी के दूसरी तरफ की गई होती तो नदी गिफ्ट सिटी की पूर्व दिशा में आ जाती। इससे गिफ्ट सिटी की भौगोलिक स्थिति पूर्णतया वास्तु अनुकूल हो जाती और यदि ऐसा होता तो निश्चित ही गिफ्ट सिटी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में से एक बन पाता।
गिफ्ट सिटी की तरह ही अमेरिका की ‘अटलांटिका सिटी’ न्यू जर्सी की अटलांटिक काउंटी में स्थित एक रिसोर्ट सिटी है जो कैसिनों और सुन्दर समुद्र तटों के कारण प्रसिद्ध है। समुद्र के किनारे बसे इस शहर की सुन्दर भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसके विकास के लिए पिछले 200 सालों में समय-समय पर कई प्रयास किए गए। इसी संदर्भ में इस शहर को लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाने का एक ओर सशक्त प्रयास 1976 में भी किया गया। जिसमें दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दुनिया की सबसे प्रसिद्ध सिटी ऑफ कैसीनो लॉस वेगास की तरह बनाने की अनुमति दी गई, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आए। यहां सीजरर्स अटलांटिक सिटी, ब्रॉडवॉक हॉल, ट्रॉपिकाना कैसिनो एवं रिसोर्ट इत्यादि के साथ-साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मशहूर कसीनो ‘‘ट्रम्प ताजमहल’’ भी शामिल है।
सन् 1990 में ट्रंप ताजमहल कैसिनो उद्घाटन के बाद तो अटलांटिक सिटी के कैसिनों और रिसॉर्ट्स की पूरे अमेरिका में खूब चर्चा रही। उद्घाटन के समय मिस्टर ट्रम्प ने ट्रम्प ताजमहल को दुनिया का आठवां अजूबा बताया था। मिस्टर ट्रंप ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां अमेरिका का पसंदीदा खेल मुक्केबाजी के कई मुकाबले करवाए और मशहूर मुक्केबाज माइक टायसन की बाऊट भी करवाई। पर्यटकों में भी ट्रम्प ताजमहल को देखने का जबरदस्त क्रेज देखा गया। उस दौरान एक वक्त तो ऐसा लगने लगा कि यह शहर भी लॉस वेगास की तरह बन जाएगा लेकिन कुछ ही वर्षां के बाद ही देखते ही देखते यहां पर्यटकों का आना कम होने लगा। जिस कारण यहां के सभी कैसिनों एवं रिसोर्ट घाटे में चलने के कारण धीरे-धीरे अपनी चमक खोने लगे। वर्तमान समय में कुछ कैसिनों तो बन्द हो गए है, तो कुछ बिक गए हैं और जिन्होनें इन्हें खरीदा है उन्हें भी घाटा ही हो रहा है क्योंकि पर्यटकों की इतनी आवाजाही ही नहीं है। इसी कड़ी में वह कैसिनों जिसके कारण अटलांटिका सिटी सन् 1990 में प्रसिद्ध हुई ट्रम्प ताजमहल को भी उसके मालिक डोनॉल्ड ट्रम्प ने अपने दोस्त कार्ल इकान को बेच दिया। ट्रम्प ताजमहल कैसिनों की बनावट में भी बहुत महत्त्वपूर्ण वास्तुदोष है।
गिफ्ट सिटी की तरह अटलांटिक सिटी की भौगोलिक स्थिति भी वास्तु विपरीत है क्योंकि यहां बने सभी कैसिनों और रिसॉर्ट्स की दक्षिण दिशा में समुद्र है अर्थात दक्षिण दिशा की ओर गहरी नीचाई के साथ-साथ पानी भी है।
सुझाव: यदि आदरणीय मोदी जी अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को सफल बनाना चाहते हैं तो गिफ्ट सिटी में अब नये निर्माण के लिए साबरमती नदी के दूसरे तट अर्थात पश्चिमी तट पर भूमि अधिग्रहण कर डेवलपमेंट करें तो निश्चित ही गिफ्ट सिटी भविष्य में वैश्विक स्तर की टॉप इंटरनेशनल फाइनेंस सिटी बनकर उभर सकेगी।