Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Sep, 2023 09:55 AM
ग्वालियर का प्रसिद्ध गोपाल मंदिर पूरी सजावट के साथ जन्माष्टमी पर्व के लिए तैयार है। जन्माष्टमी का त्योहार गोपाल मंदिर के लिए खास होता है। जन्माष्टमी के मौके पर राधाकृष्ण को
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Shree Gopal Mandir news: ग्वालियर का प्रसिद्ध गोपाल मंदिर पूरी सजावट के साथ जन्माष्टमी पर्व के लिए तैयार है। जन्माष्टमी का त्योहार गोपाल मंदिर के लिए खास होता है। जन्माष्टमी के मौके पर राधाकृष्ण को 100 करोड़ से ज्यादा कीमत के हीरे- जवाहरात के गहने पहनाए जाते हैं। इस मौके पर मंदिर 24 घंटे लगातार खुला रहता है। इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है। जन्माष्टमी पर 100 करोड़ गहनों से सजे राधाकृष्ण को देखने के लिए साल भर लोगों को जन्माष्टमी का इंतजार रहता है।
ग्वालियर के गोपाल मंदिर के पुजारी प्रदीप शर्मा ने पंजाब केसरी के संवाददाता अंकुर शर्मा को जानकारी देते हुए बताया की गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने करवाई थी। सिंधिया राजाओं ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा के लिए चांदी के बर्तन बनवाए थे, साथ ही भगवान के श्रृंगार के लिए रत्तन जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। मंदिर में भगवान राधा कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। वैसे तो इस मंदिर में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन जन्माष्टमी के पर्व का भक्तों को साल भर इंतज़ार रहता है।
ग्वालियर शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर को भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है, सिंधिया रिसायत कालीन 103 साल पुराने गोपाल मंदिर में राधा कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। जन्माष्टमी के मौके पर तो गोपाल मंदिर पर 24 घण्टे उत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान राधा-कृष्ण को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के गहनों से सजाया जाता है, ये रियासत कालीन जेवरात हैं, जो हीरे-रत्न जड़ित हैं।
गोपाल मंदिर ग्वालियर में आए श्रद्धालुओं ने इस मंदिर की खासियत के बारे में बताया कि राधा कृष्ण पर सजाए जाने वाले इन एंटिक गहनों की कीमत 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। हीरे, मोती और पन्ने जैसे कीमती रत्नों से सुसज्जित भगवान के मुकुट और अन्य आभूषण हैं। बेशकीमती गहने साल भर बैंक के लॉकर में रहते हैं, जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए इन गहनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर लाया जाता है। जन्माष्टमी पर इन जेवरातों को पहनाकर राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। 24 घंटे तक ये जेवर पहनकर भक्तों को दर्शन देते हैं। शहर के महापौर दिन के ठीक 12 बजे गहनों से राधा कृष्ण का श्रृंगार कर महाआरती करते हैं।