Gopashtami: गोपाष्टमी पर करें ये काम, घर-परिवार में होगा महालक्ष्मी का वास

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Nov, 2024 09:15 AM

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Gopashtami 2024: कार्तिक मास में आने वाला गोपाष्टमी महोत्सव अति उत्तम फलदायक है। जो लोग नियम से कार्तिक स्नान करते हुए जप, होम, अर्चन का फल पाना चाहते हैं उन्हें गोपाष्टमी पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन गाय, बैल और बछड़ों को स्नान करवा कर उन्हें...

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Gopashtami 2024: कार्तिक मास में आने वाला गोपाष्टमी महोत्सव अति उत्तम फलदायक है। जो लोग नियम से कार्तिक स्नान करते हुए जप, होम, अर्चन का फल पाना चाहते हैं उन्हें गोपाष्टमी पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन गाय, बैल और बछड़ों को स्नान करवा कर उन्हें सुन्दर आभूषण पहनाएं। यदि आभूषण सम्भव न हो तो उनके सींगों को रंग से सजाएं अथवा उन्हें पीले फूलों की माला से सजाएं। उन्हें हरा चारा और गुड़ खिलाना चाहिए। उनकी आरती करते हुए उनके पैर छूने चाहिए। गौशाला के लिए दान दें। गोधन की परिक्रमा करना अति उत्तम कर्म है। गोपाष्टमी को गऊ पूजा के साथ गऊओं के रक्षक 'ग्वाले या गोप' को भी तिलक लगा कर उन्हें मीठा खिलाएं। 

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ज्योतिष के अनुसार गोपाष्टमी पर पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, उपासक को धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है।

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Method of worship of Gopasthami गोपाष्टमी की पूजा विधि:
गायों की पूजा: इस दिन गायों को स्नान कराकर उन्हें सजाया जाता है, उनके बोर (गांठ) और पैर को रंगा जाता है। फिर उन्हें प्रेमपूर्वक पूजा जाता है।

घी और अन्य पदार्थों का भोग: गायों को गुड़, चारा, घी आदि का भोग अर्पित किया जाता है। साथ ही उनके ऊपर सुंदर रुद्राक्ष या फूलों की माला डाली जाती है।

कृष्ण भक्ति: इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी विशेष रूप से होती है। भक्तगण कृष्ण के बाल रूप की पूजा कर उनके साथ गायों के प्रेम और उनकी सेवा की कथा सुनते हैं।

दीन-हीन गायों का भी ध्यान: इस दिन समाज में दीन-हीन और कमजोर गायों को भोजन और सम्मान दिया जाता है, ताकि उनका भी कल्याण हो सके।

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Keep these things in mind while serving Gau mata गौ माता की सेवा करते समय ध्यान रखें ये बातें- 
गऊ माता की सेवा मन लगा कर करें। उन्हें अपना दुख-दर्द सुनाएं। यह तुम्हारे मन की हर बात जानती हैं। तुम्हारे कष्टों का निवारण हो जाएगा। 

गऊशाला जाओ तो परिक्रमा जरूर करें और चरणधूलि मस्तक पर लगाएं। 

गाय माता की पूंछ को अपने सिर के चारों ओर घुमाकर हर तरह की बुरी बला को दूर किया जा सकता है। बाल्यकाल में जब बाल गोपाल को नज़र लगती थी तो यशोदा मईया श्रीकृष्ण के सिर से गाय माता की पूंछ घुमाकर बुरी बलाएं दूर करती थी।

गाय को जब भी कोई भोज्य पदार्थ खिलाएं तो उसे अपनी हथेली पर रखकर खिलाएं। ऐसा करने से आपका भाग्य उज्जवल होगा।

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