Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Nov, 2024 01:56 PM
Gopasthami 2024: गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है, जो विशेष रूप से गायों के सम्मान और पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और विशेष रूप से वृन्दावन, मथुरा और गोकुल जैसे स्थानों पर इसकी विशेष महत्ता...
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Gopasthami 2024: गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है, जो विशेष रूप से गायों के सम्मान और पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और विशेष रूप से वृन्दावन, मथुरा और गोकुल जैसे स्थानों पर इसकी विशेष महत्ता है। गोपाष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि को मनाया जाता है जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष (चन्द्र माह के दूसरे पक्ष) में आती है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने बचपन में गायों की देखभाल करने की शुरुआत की थी। गोपाष्टमी का त्यौहार विशेष रूप से गायों की पूजा, उन्हें सजाने और उन्हें चारण (घास, चारा, पानी आदि) देने के रूप में मनाया जाता है।
Method of worshiping Gopasthami गोपाष्टमी पूजा विधि: गोपाष्टमी पर दोपहर के बाद गौ व गोविंद का विधिवत पूजन करें, सरसों के तेल का दीप करें, सुगंधित धूप करें, सफेद फूल चढ़ाएं, सरसों के तेल में तली पूड़ी व उड़द के पुए का भोग लगाएं तथा 108 बार विशिष्ट मंत्र का जाप करें। इसके बाद भोग किसी काली गाय को खिला दें।
गोपाष्टमी पर काली गाय की सेवा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। काली गाय को समर्पण भाव से भोजन, जल और प्रेमपूर्वक सेवा देने से मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। यह पुण्य कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आनंद लाता है।
Gopasthami Puja Mantra गोपाष्टमी पूजा मंत्र: ॐ गोप-गोपीश्वराय नमः॥
Gopasthami Mantra गोपाष्टमी मंत्र: ॐ गोविन्दाय नमः॥
Auspicious time of Gopasthami गोपाष्टमी का शुभ समय: गोपाष्टमी शनिवार 9 नवम्बर 2024 को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का प्रारम्भ- नवम्बर 08, 2024 को 11:56 पी.एम बजे होगा।
अष्टमी तिथि समाप्त- नवम्बर 09, 2024 को 10:45 पी.एम बजे होगा।
गोपाष्टमी का त्यौहार केवल गायों के महत्व को याद करने का अवसर नहीं बल्कि यह हमें पर्यावरण, प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील बनने का भी संदेश देता है। हिन्दू संस्कृति में गाय को मां के रूप में पूजा जाता है और इसे समृद्धि, आशीर्वाद और पुण्य का प्रतीक माना जाता है।