Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Nov, 2018 11:48 AM
महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि गाय जहां बैठ कर सांस लेती है, उस स्थान के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
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महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि गाय जहां बैठ कर सांस लेती है, उस स्थान के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। वास्तव में गाय पापों का नाश करने वाली, संहारक, वास्तु दोष निवारक है। भारत में गाय (गऊ) सदा से घर-परिवार की सदस्य रही है, उसे परिवार का अंग माना गया है। उसकी आरती उतारी गई है और हर कर्मकांड में उसकी आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। जबसे भारतीयों ने गाय को घर-परिवार से अलग किया है, वे अनेक कष्टों से घिरे हैं। गोवत्स द्वादशी के दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए। इससे जीवन में आ रही बहुत सारी समस्याओं से सदा-सदा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।
उपाय-
ये उपाय उन छात्रों के लिए है जो सफलता पाना चाहते हैं या जिनको एक्ज़ामिनेशन फोबिया है। इसके लिए हरड़, महुआ और काली सरसों ले लीजिये, इन तीनों चीज़ों को एक काले कपड़े में बांध कर गाय की पूंछ से स्पर्श कराइये और उसके बाद इस पोटली को अपनी स्टडी रूम में रख लीजिए।
अच्छी सेहत यानी हेल्थी रहने के लिए 60 ग्राम सूखा धनिया लें, और 6 महुए गाय की पूंछ से स्पर्श करवाकर अपने ऊपर से 6 बार सीधा और 1 बार उल्टा सिर से उतार कर सामग्री चलते पानी में बहा दें। इससे आपकी सेहत हमेशा अच्छी रहेगी।
ये 1 उपाय उन लोगों के लिए है जो घर में बरकत चाहते हैं, इसके लिए 6 बेलपत्र लें 1 साबुत हल्दी की गांठ लें, फिर दोनों चीज़ों को गाय के माथे से छुआकर अपने घर में रख लें।
जो अपनी लाइफ को रोमांटिक बनाना चाहते हैं वो रूई के एक टुकड़े में कपूर लपेटकर गाय को स्पर्श कराएं, उसके बाद इसे अपने सिरहाने रखकर सो जाएं और सुबह उठकर रूई समेत कपूर को घर की पश्चिमी दिशा में जला दीजिये। इससे दाम्पत्य संबंध बेहद मधुर हो जाएंगे।
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