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Vastu Shastra से जानिए मंदिरों में ‘गुम्बद’ क्यों बनाते हैं?

Edited By Jyoti,Updated: 28 Nov, 2021 08:30 AM

gumbad importance in vastu

वास्तु शास्त्र की दृष्टि तथा ध्वनि विज्ञान के सिद्धांत से गुम्बद का एक महत्वपूर्ण स्थान है। देवताओं की प्रतिमाओं के समक्ष बैठ कर पूजा करते समय साधक के मुख से उच्चारित ध्वनि गुम्बद से टकराकर घूमती है

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वास्तु शास्त्र की दृष्टि तथा ध्वनि विज्ञान के सिद्धांत से गुम्बद का एक महत्वपूर्ण स्थान है। देवताओं की प्रतिमाओं के समक्ष बैठ कर पूजा करते समय साधक के मुख से उच्चारित ध्वनि गुम्बद से टकराकर घूमती है जिसके कारण मंत्र शक्ति केंद्रीभूत होकर देव प्रतिमाओं को स्पर्श करती है और जाग्रत होकर देव प्रतिमाएं साधक को उसकी इच्छानुसार फल प्रदान करती है।

गुम्बद का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह महत्व है कि उस पर आंधी, तूफान, बिजली और वर्षा का प्रभाव बहुत कम पड़ता है जिससे पूजा का स्थान अधिक समय तक सुरक्षित रहता है।

पूजा-पाठ के समय ‘आचमन’ का महत्व
कंठ शोधन के लिए आचमन किया जाता है। आचमन करने से सफाई हो जाती है और श्वास क्रिया तथा मंत्रों के उच्चारण में सहायता मिलती है। अन्यथा मंत्रोच्चारण में त्रुटि हो सकती है। तीन बार आचमन करने से कामिक, मानसिक और वाचिक त्रिविध पापों की निवृत्ति होती है।

आचमन करते समय हथेली में 5 तीर्थ बताए गए हैं: 1. देवतीर्थ, 2. पितृतीर्थ, 3. ब्रह्मतीर्थ, 4. प्रजापत्यतीर्थ और 5. सौम्यतीर्थ। आचमन से पहले उंगलियां मिलाकर एकाग्रचित्त होकर पवित्र जल से बिना शब्द किए आचमन से महान फल मिलता है।
इसके अलावा जानें वास्तु शास्त्र में क्या है दिशाओं का महत्व-

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में फर्श पर काले रंग का मार्बल लगवाना चाहिए। इस दिशा के अगर कुछ भाग में भी आप काले रंग का मार्बल लगवाएंगे तो आपको काफी लाभ मिलेगा। इससे परिवार में किसी को भी भय नहीं रहता, सब निडर होकर अपना काम करते हैं और उसमें सफलता भी पाते हैं।

उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद रंग के पत्थर का फर्श लगवाने से उस जगह पर रहने वाले लोगों को काफी फायदे मिलते हैं। इससे व्यक्ति की मानसिक शक्ति का विकास होता है। आप अपने सारे फैसले अच्छे से ले पाते हैं। साथ ही आपको कई नई चीजों का ज्ञान मिलता है और घर में पिता के साथ आपके संबंध अच्छे होते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा का संबंध लाल रंग से है। अत: इस दिशा में लाल रंग के मार्बल का इस्तेमाल करना आपके लिए बेहतर रहेगा लेकिन अगर किसी को यह रंग पसंद न हो या वह फर्श के रूप में लाल रंग का इस्तेमाल न करना चाहते हों तो इसका भी एक उपाय है- आप पूरे फर्श पर लाल रंग के पत्थर का इस्तेमाल करने की बजाय पत्थर पर डिजाइन के रूप में थोड़े-से लाल रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप दक्षिण दिशा में लाल रंग का या लाल रंग के डिजाइन वाला कार्पेट भी बिछा सकते हैं।

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