Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Nov, 2024 09:44 AM
Guru Nanak Jayanti 2024: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म उत्सव है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु हैं। सिख समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है। गुरु तक पहुंचने का द्वार है गुरुद्वारा।
Guru Nanak Jayanti 2024: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म उत्सव है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु हैं। सिख समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है। गुरु तक पहुंचने का द्वार है गुरुद्वारा। आज के दिन सिख समुदाय गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। गुरु पर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन होता है और प्रभात फेरियों का आयोजन भी किया जाता है। यह देखने में जितने सुंदर होते हैं, उतनी ही यहां जाकर आत्मिक शांति अनुभव होती है। आइए, तस्वीरों में दर्शन करें भारत के सबसे सुंदर गुरुद्वारों के-
Golden Temple स्वर्ण मंदिर- भारत के मुख्य दार्शनिक स्थलों में पंजाब के अमृतसर में स्थित गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। माना जाता है की इस गुरुद्वारे के ऊपरी हिस्से को महाराजा रणजीत सिंह जी ने सोने से ढंक दिया था इसलिए इसे गोल्डन टेम्पल भी कहा जाता है।
Gurudwara Shri Hemkund Sahib गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब- हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा एक छोटे से स्टार के आकार का है तथा सिखों के अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है। श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के पास ही एक सरोवर है। इस पवित्र जगह को अमृत सरोवर अर्थात अमृत का तालाब कहा जाता है। यह सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है। यह चारों तरफ से हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ है। इन चोटियों का रंग वायुमंडलीय स्थितियों के अनुसार अपने आप बदल जाता है।
Sri Hazur Sahib Gurudwara श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा- हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहीं पर सिखों के दसवें तथा अंतिम गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपने प्रिय घोड़े दिलबाग के साथ अंतिम सांस ली थी। गुरु गोबिंद सिंह जी ने धर्म प्रचार के लिए कुछ वर्षों के लिए यहां अपने कुछ अनुयायियों के साथ अपना पड़ाव डाला था लेकिन यहीं पर कुछ धार्मिक तथा राजनीतिक कारणों से सरहिंद के नवाब वजीर शाह ने अपने दो आदमी भेजकर उनकी हत्या करवा दी थी।
Gurudwara Manikaran Sahib गुरुद्वारा मणिकरण साहिब- मनाली की खूबसूरत वादियों में स्थित है गुरुद्वारा मणिकरण साहिब। कहते हैं यह प्रथम स्थान है जहां गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान ध्यान लगाया था। जिस पूल पर यह गुरुद्वारा बना है उसके दूसरे छोर पर भगवान शिव का सुंदर और विशाल मंदिर है।
Gurudwara Sri Keshgarh Sahib गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब- पंजाब के आनंदपुर शहर में स्थित है गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब। मान्यता है की आनंदपुर शहर की स्थापना सिखों के 9वें गुरू तेग बहादुर जी ने की थी। यह गुरुद्वारा सिख धर्म के विशिष्ट 5 तख्तों में से एक है।