Gurdwara Sri Dam Dama Sahib: गुरुद्वारा दमदमा साहिब रावलपिंडी के बाहर चल रही मीट की दुकानें

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Aug, 2024 07:11 AM

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गुरदासपुर (विनोद): पाकिस्तान सरकार देश में मुट्ठी भर गुरुद्वारों को बनाए रखकर सिखों व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है जबकि ऐतिहासिक

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गुरदासपुर (विनोद): पाकिस्तान सरकार देश में मुट्ठी भर गुरुद्वारों को बनाए रखकर सिखों व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है जबकि ऐतिहासिक महत्व की ऐसी सैंकड़ों संरचनाएं हैं जिन्हें बर्बाद और अपवित्र किया जा रहा है। सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए पाकिस्तान में स्थानीय प्रशासन उनके पूजा स्थलों को अपवित्र कर रहा है और उन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा है। ऐसा ही ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब है जो रावलपिंडी के राजा बाजार में स्थित है। इसका निर्माण बाबा खेम सिंह बेदी ने 1876 में कराया था। स्थानीय लोग इस पूजा स्थल का इस्तेमाल बूचड़खाने और मांस की दुकान के रूप में कर रहे हैं।

पिछले कई सालों से मांस की दुकानें गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के पास स्थित हैं। मीट की दुकानों के अलावा गुरुद्वारा परिसर में एक दर्जन से अधिक दुकानें चलाई जा रही हैं। उक्त गुरुद्वारे में एक विशाल सराय (यात्रियों के लिए आवास) है और इसमें लगभग 70-75 विशाल कमरे हैं। भूतल पर एक विशाल लंगर भवन (सामुदायिक रसोई), प्रकाश स्थान (पवित्र स्थान), सुखासन स्थान (पवित्र ग्रंथ के लिए विश्राम स्थल) और जोड़ा घर (जूते रखने का स्थान) है।

पाकिस्तान में गुरुद्वारों की घोर उपेक्षा का एक और उदाहरण गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा है। यह पंजाब प्रांत के साहीवाल के गल्हा मंडी में स्थित है। इमारत बहुत बड़ी है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने गुरुद्वारे पर कब्जा कर लिया है और इसे सिटी पुलिस स्टेशन में बदल रखा है। एक अन्य गुरुद्वारा गुरुद्वारा किला साहिब है जिसे गुरु हरगोबिंद जी की याद में बनाया गया था। वह गुरु नानकपुरा मोहल्ला, जिला हाफिजाबाद में स्थित है। सिख समुदाय ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान वक्फ बोर्ड और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सिख धार्मिक भावनाओं का कोई सम्मान नहीं है।


 

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