Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Jan, 2025 08:49 AM
देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे हैं और न अक्टूबर से वक्री हैं। 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो जाएंगे। अब बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Guru Margi 2025: देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे हैं और न अक्टूबर से वक्री हैं। 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो जाएंगे। अब बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। कुंडली में 12 भाव होते हैं 12 में से चार भावों के कारक बृहस्पति होते हैं। दूसरा भाव धन का भाव होता है, उसके कारक बृहस्पति हैं। पांचवा भाव संतान का भाव होता है। उसके कारक बृहस्पति हैं, नौवा भाव भाग्य स्थान होता है। इसके अलावा बृहस्पति जहां पर बैठते हैं वहां का असर करते हैं। जहां पर बृहस्पति की तीन दृष्टियां जाती हैं वहां का असर करते हैं। जब बृहस्पति आपके चंद्रमा के ऊपर से आते हैं तो आपको संतुष्टि देते हैं। यदि नेटल चार्ट में आपके चंद्रमा के केंद्र में भी आ जाए तो बृहस्पति आपको सांसारिक सुखों से संतुष्ट कर देते हैं तो यह संतुष्टि का जो भाव है। बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर पांच राशियों के लिए अच्छा है लेकिन चूंकि बृहस्पति वक्री हो गए तो उस अवस्था में वो वफल नहीं कर पाए इसलिए तीन राशियां ऐसी हैं जिनके ऊपर इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है। ऐसी कौन सी राशियां है जिनको बृहस्पति के मार्गी होने का अच्छा फल मिलेगा।
मेष राशि: मेष राशि के लिए गुरु का गोचर इस समय दूसरे भाव में हो रहा है। कुंडली में जब गुरु का गोचर दूसरे भाव में होता है तो यह शुभ गोचर होता है। यह अच्छा गोचर माना जाता है और चूंकि यह धन भाव है बृहस्पति धन भाव के कारक है। यदि आपके ऊपर कोई कोर्ट का केस चल रहा है तो 9 अक्टूबर के बाद तो वहां पर चीजें अब आगे बढ़ती हुई नजर आएंगी। गुरु के मार्गी होने के बाद आपको उसके अच्छे रिजल्ट मिलेंगे क्योंकि गुरु दृष्टि दे रहे हैं उस भाव के ऊपर। यदि कोई कर्ज की स्थिति है तो वहां पर चीजें थोड़ी सी बेटर हो सकती है। यह धन का भाव है और बृहस्पति यहां पर धन के अच्छे फल करेंगे। यदि कोई फैमिली में कोई कंफ्यूजन चल रहा है तो चीजें आगे से बेटर होती हुई नजर आएंगी। मेष राशि के जातकों के लिए जो जुपिटर का मार्गी होना इन सारी चीजों के लिए अच्छा रहेगा। अष्टम भाव के ऊपर गुरु की दृष्टि है। अष्टम भाव आपका सीक्रेसी का भाव होता है, यह छुपे हुए धन का भाव होता है यहां से रिसर्च देखी जाती है। अगले चार महीने गुरु जब यहां पर मार्गी रहेंगे वृषभ राशि में तो मेष राशि के जातकों को इसका डेफिनेटली अच्छा फल मिलेगा। गुरु चूंकि दशम को देखेंगे तो कारोबारी स्थिति में सुधार हो सकता है और यदि आप नौकरी करते हैं तो वहां पर आपकी पोजीशन थोड़ी सी डोमिनेंस वाली होती हुई नजर आती आएगी। गुरु के मार्गी होने के बाद दशम भाव के ऊपर दृष्टि है तो निश्चित तौर पर आपको उसके अच्छे फल मिलेंगे। गुरु आपके लिए भाग्य स्थान के स्वामी है। भाग्य स्थान के स्वामी का वक्री अवस्था में जाना अच्छा नहीं था तो जो भी काम आप करेंगे वहां पर अब आपको को भाग्य का साथ मिलता हुआ नजर आ सकता है। यहां पर गुरु के मार्गी होने का निश्चित तौर पर आपको यह प्रभाव जरूर देखने को मिलेगा। मेष राशि के जातकों को ये सारी चीजें होती हुई नजर आएंगी। विदेश का यदि आप प्लान कर रहे हैं तो वो प्लान अब एग्जीक्यूट हो सकता है क्योंकि 12वें के स्वामी भी आपके लिए गुरु बनते हैं।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए यदि आप कुंडली देखते हैं तो गुरु भाग्य स्थान में गोचर कर रहे हैं। यह भाग्य स्थान के कारक ग्रह भी है तो भाग्य स्थान में गुरु का जो गोचर हो रहा है और भाग्य स्थान के कार्य ग्रह गुरु हैं। वहां पर गुरु जब गोचर कर रहे हैं और मार्गी स्थिति में आ गए हैं। कन्या राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु दोनों केंद्रों के स्वामी बन जाते हैं। फोर्थ हाउस आपका गुरु का भाव है, यहां पर गुरु की धनु राशि है। सप्तम भाव आपका गुरु का भाव है, यहां पर गुरु की मीन राशि है। यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग है तो वहां पर एग्जीक्यूशन हो सकती है। इस अवधि के दौरान सबसे पहली बात दूसरा यदि आपका आपके भाई के साथ कोई कंफ्लेक्स आ रही है तो वहां पर तालमेल बेटर हो सकता है। गुरु की दृष्टि आपके तीसरे भाव के ऊपर जा रही है, पराक्रम वाले भाव के ऊपर जा रही है। गुरु की दृष्टि का प्रभाव आपके ऊपर रहेगा। यहां पर गुरु के मार्गी होने का आपको निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। सप्तम चूंकि एक्टिव है उस भाव का स्वामी भाग्य स्थान में बैठा है तो निश्चित तौर पर पार्टनर से लाभ हो सकता है। गुरु चूंकि आपकी राशि को ही देख रहे हैं जो कन्या राशि है उसके ऊपर इस समय गुरु की दृष्टि है और चूंकि गुरु आपकी राशि को ही देख रहे हैं तो निश्चित तौर पर यहां पर गुरु के आपको अच्छे फल देखने को मिल सकते हैं। गुरु आपको पॉजिटिविटी ज्यादा लेकर आएंगे। चंद्रमा के ऊपर जब गुरु का प्रभाव होता है तो व्यक्ति थोड़ा सा पॉजिटिव ज्यादा हो जाता है। अगले 120 दिन के दौरान चूंकि गुरु की दृष्टि आपके पंचम भाव के ऊपर भी है। पंचम संतान का भाव होता है, पंचम निश्छल प्रेम का भाव होता है।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर इस समय पंचम भाव में हो रहा है। पंचम भाव का गुरु का गोचर जो पंचम भाव संतान का भाव होता है। पंचम भाव कुंडली का दूसरा सबसे शुभ भाव होता है। गुरु आपके लिए मकर राशि के जातकों के लिए 12वें और तीसरे दोनों भावों के स्वामी बनते हैं। उस लिहाज से भी गुरु अच्छे हो जाएंगे और यहां पर सबसे पहले तो संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। यदि संतान नहीं है तो संतान हो सकती है। हालांकि यह 120 दिन का ही पीरियड है और इन 120 दिन के पीरियड के दौरान आपको कंसेप्ट होती हुई नजर आ सकती है। यदि ऑलरेडी कंसेप्ट वाली स्थिति में है तो चीजें सही दिशा में मटेरियल होंगी। यहां पर आपको थोड़ा सा इस दिशा में अच्छे फल देखने को मिल सकते हैं। जो आप काम करते हैं उसका प्रॉफिट होता है वो आपका 11वें भाव से आता है।
मनी का फ्लो आपको बढ़ता हुआ नजर आएगा, चीजें थोड़ी सी सही ट्रैक पर जाती हुई नजर आएंगी। वहां पर प्रमोशन को लेकर चीजें थोड़ी सी ठीक दिशा में जाती हुई नजर आएंगी। गुरु की दृष्टि आपके लिए निश्चित तौर पर 11वें भाव के अच्छे फल मिलेंगे, ये इच्छाओं का भाव अच्छे फल करेगी। यदि आपकी आध्यात्म में रुचि है तो निश्चित तौर पर आप इस दौर में थोड़ा सा ज्यादा अध्यात्म में जाने जाएंगे क्योंकि गुरु नौवें भाव को देख रहे हैं। गुरु चार भावों के कारक होते हैं. दूसरे भाव को छोड़कर गुरु ने ये पंचम भाव में रहकर आपका पंचम भी एक्टिव कर दिया। भाई के साथ बेटर तालमेल रहेगा, पराक्रम आपका बढ़ता हुआ नजर आएगा क्योंकि तीसरे भाव के स्वामी खुद गुरु है और विदेश यात्रा आपकी डेफिनेटली अच्छी रहेगी। निश्चित तौर पर बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो हमारे लिए पॉजिटिव भी होंगी। नेगेटिव भी होंगी जितने भी जातक विदेश से जुड़ा हुआ काम कर रहे हैं, वहां पर चीजें थोड़ी सी बेटर होती हुई नजर आएंगी।
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु 11थ हाउस में गोचर कर रहे हैं। 11थ के कारक गुरु होते हैं और यदि आप सिंगल है तो आपकी लाइफ में अब कोई न कोई आ सकता है क्योंकि पंचम के ऊपर गुरु की दृष्टि है। पंचम संतान भाव होता है, एक निश्छल प्रेम का भाव होता है। गुरु की दृष्टि का मतलब है कि वह भाव एक्टिव है और गुरु मार्गी हो गए हैं तो निश्चित तौर पर आपको उसके अच्छे फल देखने को मिलेंगे। कर्क राशि एक ऐसी राशि है जो चंद्रमा की राशि है गुरु यहां पर निश्चित तौर पर अच्छे फल करते हैं। गुरु कर्क राशि के जातकों के लिए भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं। भाग्य स्थान के स्वामी का मार्गी होना अच्छा है क्योंकि भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। 11वें भाव से गोचर कर रहे गुरु का पंचम को दृष्टि देना अच्छा है। प्रमोशन यदि पेंडिंग है तो प्रमोशन हो सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा आपकी बढ़ती हुई नजर आएगी। यहां पर यदि आप सिंगल है क्योंकि पंचम एक्टिव है और सप्तम भी एक्टिव है सप्तम आपके पार्टनर का भाव होता है। जितने भी कर्क राशि के जातक हैं उनके लिए गुरु का मार्गी होना 11वें भाव में बहुत अच्छे फल लेकर आएगा। यहां पर निश्चित तौर पर चीजें थोड़ी सी बेटर होती हुई नजर आएंगी और गुरु चूंकि पांचवी दृष्टि तीसरे भाव को देंगे, पराक्रम में वृद्धि होगी। आपके भाई के साथ आपका बेटर तालमेल होगा बहुत सारी चीजें ऐसी होंगी जो गुरु की कृपा से गुरु की दृष्टि से बहुत इजी हो जाएंगी। कर्क राशि के जातकों के लिए 11वें भाव से गुरु का गोचर निश्चित तौर पर अच्छा है, मार्गी होना गुरु का अच्छा है। गुरु की जो धनु राशि है वो आपके लिए छठे भाव में आ जाती है।
नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728