Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Feb, 2025 12:08 PM
देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं।
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Guru Margi 2025: देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। धन तो वीनस भी देते हैं लेकिन संतुष्टि आपको बृहस्पति से ही आती है। बृहस्पति इतने इंपॉर्टेंट है आपके लिए आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12 में से चार भावों के कारक बृहस्पति होते हैं। दूसरा भाव धन का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति हैं। पांचवा भाव सुत भाव संतान का भाव होता है ,उसके कारक बृहस्पति हैं। नौवा भाव भाग्य स्थान होता है उसके कारक बृहस्पति है। 11वां भाव आपके आय का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति है। इन चार भावों के बृहस्पति कारक होते हैं तो मोटे तौर पर आपके भाग्य आपकी आय और धन आपकी संतान यह चारों बृहस्पति के जरिए ही आती है। इसके अलावा बृहस्पति जहां पर बैठते हैं वहां का असर करते हैं। जहां पर बृहस्पति की तीन दृष्टियां जाती हैं, वहां का असर करते हैं। सबसे बड़ी बात जब बृहस्पति आपके चंद्रमा के ऊपर से आते हैं तो आपको संतुष्टि देते हैं। यदि चार्ट में आपके चंद्रमा के केंद्र में भी आ जाए तो बृहस्पति आपको संसार सुखों संतुष्ट देते हैं। तो यह संतुष्टि का जो भाव है आय के साथ-साथ फैमिली के साथ-साथ संतान के साथ-साथ संतुष्टि का भाव है। यह बृहस्पति से ही आता है और जब बृहस्पति गोचर में कहीं पीड़ित हो जाते हैं वक्र हो जाते हैं। यह गोचर पांच राशियों के लिए अच्छा है लेकिन चूंकि बृहस्पति वक्री हो गए तो फल नहीं कर पाए इसलिए तीन राशियां ऐसी है जिनके ऊपर इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है। उनके लिए भी चूंकि दशा नाथ वक्री हो गया तो वह अच्छा नहीं है। इसलिए और कुछ राशिया ऐसी है जिनके लिए बृहस्पति इस समय 6, 8 12 में चल रहे हैं। उनके लिए भी चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही थी।
मेष राशि के लिए गुरु का गोचर इस समय दूसरे भाव में हो रहा है। कुंडली में जब गुरु का गोचर दूसरे भाव में होता है तो यह शुभ गोचर होता है. यह अच्छा गोचर माना जाता है और चूंकि यह धन भाव है। बृहस्पति धन भाव के कारक हैं वहां से बृहस्पति जब गोचर जब करते हैं तो आपको पांचवी दृष्टि जाती है।
छठे भाव के ऊपर सातवीं दृष्टि जाती है। अष्टम भाव के ऊपर नौवी दृष्टि जाती है, दशम भाव के ऊपर अब छठा भाव है। आपका छठा भाव आपके रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है। यानी कि यदि आपके ऊपर कोई कोर्ट का केस चल रहा है प्रोसीडिंग लटक गई थी। 9 अक्टूबर के बाद तो वहां पर चीजें अब आगे बढ़ती हुई नजर आएंगी। वहां पर आपको थोड़ा सा अच्छे फल मिलेंगे।
उस कानूनी पहलू के मामले में यदि हम यदि कोई लीगल बैटल आपकी चल रही है यदि आपको कोई फिजिकल समस्या चल रही है तो वहां पर गुरु के मार्गी होने के बाद आपको उसके अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। गुरु दृष्टि दे रहे हैं उस भाव के ऊपर यदि कोई कर्ज की स्थिति है तो वहां पर चीजें थोड़ी सी बेटर हो सकती है ।
यह धन का भाव है और बृहस्पति यहां पर धन के अच्छे फल करेंगे। धन के मोर्च के ऊपर अच्छी खबरें सुनने को मिल सकती हैं। मेष राशि के जातकों के लिए जो जुपिटर का मार्गी होना इन सारी चीजों के लिए अच्छा रहेगा। अष्टम भाव के ऊपर गुरु की दृष्टि है। अष्टम भाव आपका सीक्रेसी का भाव होता है। यह छुपे हुए धन का भाव होता है, यहां से रिसर्च देखी जाती है। जितने भी जातक हैं जो रिसर्च के काम से जुड़े हुए हैं, भले ही वो फाइनेंशियल रिसर्च है। गुरु के मार्गी होने का काफी लाभ होने जा रहा है तो निश्चित तौर पर यहां पर अगले चार महीने गुरु जब यहां पर मार्गी रहेंगे वृषभ राशि में तो मेष राशि के जातकों को इसका डेफिनेटली अच्छा फल मिलेगा। गुरु चूंकि दशम को देखेंगे तो कारोबारी स्थिति में सुधार हो सकता है और यदि आप नौकरी करते हैं तो वहां पर आपकी पोजीशन थोड़ी सी डोमिनेंस वाली होती हुई नजर आती आएगी।
गुरु आपके लिए भाग्य स्थान के स्वामी हैं। भाग्य स्थान के स्वामी का वक्री अवस्था में जाना अच्छा नहीं था तो जो भी काम आप करेंगे वहां पर अब आपको भाग्य का साथ मिलता हुआ नजर आ सकता है। यहां पर गुरु के मार्गी होने का निश्चित तौर पर आपको यह प्रभाव जरूर देखने को मिलेगा। मेष राशि के जातकों को यह सारी चीजें होती हुई नजर आएंगी। विदेश का यदि आप प्लान कर रहे हैं तो वो प्लान अब एग्जीक्यूट हो सकता है क्योंकि 12वें के स्वामी भी आपके लिए गुरु बनते हैं। यह अब मार्गी स्थिति में आ गए हैं यहां पर आपको इन सारी चीजों से संबंधित फल अच्छे देखने को मिल सकते हैं।
जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है। आपकी कुंडली में गुरु राहु-केतु एक्सेस में है, शनि से पीड़ित है, सूर्य से पीड़ित है अस्त स्थिति में है। तो गुरु के उपाय अवश्य करें।
गुरु की रिस्पेक्ट करिए।
गुरु फलदार पेड़ों के कारक है कारक है तो कोई एक फलदार पेड़ लगाइए जैसे-जैसे वो पेड़ बढ़ेगा उससे आपको गुरु के अच्छे फल मिलते हुए नजर आएंगे।
ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें।
नरेश कुमार
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