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Guru Margi 2025: 120 दिन के लिए गुरु मार्गी, कन्या राशि को मिलेगी बड़ी राहत

Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Feb, 2025 09:38 AM

देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि

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Guru Margi 2025: देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। धन तो वीनस भी देते हैं लेकिन संतुष्टि आपको बृहस्पति से ही आती है। बृहस्पति इतने इंपॉर्टेंट है आपके लिए आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12 में से चार भावों के कारक बृहस्पति होते हैं। दूसरा भाव धन का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति हैं। पांचवा भाव सुत भाव संतान का भाव होता है ,उसके कारक बृहस्पति हैं। नौवा भाव भाग्य स्थान होता है उसके कारक बृहस्पति है। 11वां भाव आपके आय का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति है। इन चार भावों के बृहस्पति कारक होते हैं तो मोटे तौर पर आपके भाग्य आपकी आय और धन आपकी संतान यह चारों बृहस्पति के जरिए ही आती है। इसके अलावा बृहस्पति जहां पर बैठते हैं वहां का असर करते हैं। जहां पर बृहस्पति की तीन दृष्टियां जाती हैं, वहां का असर करते हैं।  सबसे बड़ी बात जब बृहस्पति आपके चंद्रमा के ऊपर से आते हैं तो आपको संतुष्टि देते हैं। यदि चार्ट में आपके चंद्रमा के केंद्र में भी आ जाए तो बृहस्पति आपको संसार सुखों संतुष्ट देते हैं। तो यह संतुष्टि का जो भाव है आय के साथ-साथ फैमिली के साथ-साथ संतान के साथ-साथ संतुष्टि का भाव है। यह बृहस्पति से ही आता है और जब बृहस्पति गोचर में कहीं पीड़ित हो जाते हैं वक्र हो जाते हैं। यह गोचर पांच राशियों के लिए अच्छा है लेकिन चूंकि बृहस्पति वक्री हो गए तो फल नहीं कर पाए इसलिए  तीन राशियां ऐसी है जिनके ऊपर इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है। उनके लिए भी चूंकि दशा नाथ वक्री हो गया तो वह अच्छा नहीं है। इसलिए और कुछ राशिया ऐसी है जिनके लिए बृहस्पति इस समय 6, 8 12 में चल रहे हैं। उनके लिए भी चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही थी। 

कन्या राशि के जातकों के लिए यदि आप कुंडली देखते हैं तो गुरु भाग्य स्थान में गोचर कर रहे हैं। यह भाग्य स्थान के कारक ग्रह भी है तो भाग्य स्थान में गुरु का जो गोचर हो रहा है। भाग्य स्थान के कारक ग्रह गुरु हैं वहां पर गुरु जब गोचर गोचर कर रहे हैं और मार्गी स्थिति में आ गए हैं।  कन्या राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु दोनों केंद्रों के स्वामी बन जाते हैं। फोर्थ हाउस आपका गुरु का भाव है। यहां पर गुरु की धनु राशि है सप्तम भाव में है। यहां पर गुरु की मीन राशि है तो पहले तो इन दोनों राशियों के अच्छे फल हो जाएंगे, दोनों भावों के अच्छे फल हो जाएंगे। दूसरा गुरु यहां पर भाग्य स्थान में है तो भाग्य स्थान के अच्छे फल होंगे। यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदने की की प्लानिंग है एसेट खरीदने की प्लानिंग है, चीजें अटक रही हैं तो वहां पर एग्जीक्यूशन हो सकती है। इस अवधि के दौरान आपके भाई के साथ कोई कंफ्लेक्स में दिक्कत आ रही है तो वहां पर तालमेल बेटर हो सकता है। गुरु की दृष्टि आपके तीसरे भाव के ऊपर जा रही है, पराक्रम वाले भाव के ऊपर जा रही है। गुरु की दृष्टि का प्रभाव आपके ऊपर रहेगा, यहां पर गुरु के मार्गी होने का आपको निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। सप्तम चूंकि एक्टिव है उस भाव का स्वामी भाग्य स्थान में बैठा है तो निश्चित तौर पर पार्टनर से लाभ हो सकता है। गुरु आपकी राशि को ही देख रहे हैं। 

कन्या राशि के ऊपर गुरु की दृष्टि है और चूंकि गुरु आपकी राशि को ही देख रहे हैं तो निश्चित तौर पर यहां पर गुरु के आपको अच्छे फल देखने को मिल सकते हैं। गुरु आपको पॉजिटिविटी ज्यादा लेकर आएंगे। चंद्रमा के ऊपर जब गुरु का प्रभाव होता है तो उस व्यक्ति गिवर बन जाता है। व्यक्ति थोड़ा सा पॉजिटिव ज्यादा हो जाता है। अध्यात्म में आपका मन थोड़ा सा ज्यादा लगना शुरू हो जाएगा। अगले 120 दिन के दौरान चूंकि गुरु की दृष्टि आपके पंचम भाव के ऊपर भी है तो पंचम संतान का भाव होता है। यहां पर यदि प्रेगनेंसी है किसी के घर में तो वहां पर गुरु प्रोटेक्शन करने का काम यहां पर करेंगे। कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु की दृष्टि पंचम भाव के ऊपर आ रही है। गुरु के इस मार्गी स्थिति में होने के कारण और गुरु के दो भावों के आपको जो केंद्र के भाव है उसके अच्छे फल डेफिनेटली यहां पर देखने को मिलेंगे। 

जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है तो उनको ये उपाय अवश्य करने चाहिए- 

गुरु की रिस्पेक्ट करिए। 

गुरु फलदार पेड़ों के कारक है कारक है तो कोई एक फलदार पेड़ लगाइए जैसे-जैसे वो पेड़ बढ़ेगा उससे आपको गुरु के अच्छे फल मिलते हुए नजर आएंगे। 

ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें। 

नरेश कुमार
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