Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Feb, 2025 09:19 AM
देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। धन तो वीनस भी देते हैं लेकिन
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Guru Margi 2025: देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। धन तो वीनस भी देते हैं लेकिन संतुष्टि आपको बृहस्पति से ही आती है। बृहस्पति इतने इंपॉर्टेंट है आपके लिए आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12 में से चार भावों के कारक बृहस्पति होते हैं। दूसरा भाव धन का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति हैं। पांचवा भाव सुत भाव संतान का भाव होता है ,उसके कारक बृहस्पति हैं। नौवा भाव भाग्य स्थान होता है उसके कारक बृहस्पति है। 11वां भाव आपके आय का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति है। इन चार भावों के बृहस्पति कारक होते हैं तो मोटे तौर पर आपके भाग्य आपकी आय और धन आपकी संतान यह चारों बृहस्पति के जरिए ही आती है। इसके अलावा बृहस्पति जहां पर बैठते हैं वहां का असर करते हैं। जहां पर बृहस्पति की तीन दृष्टियां जाती हैं, वहां का असर करते हैं। सबसे बड़ी बात जब बृहस्पति आपके चंद्रमा के ऊपर से आते हैं तो आपको संतुष्टि देते हैं। यदि चार्ट में आपके चंद्रमा के केंद्र में भी आ जाए तो बृहस्पति आपको संसार सुखों संतुष्ट देते हैं। तो यह संतुष्टि का जो भाव है आय के साथ-साथ फैमिली के साथ-साथ संतान के साथ-साथ संतुष्टि का भाव है। यह बृहस्पति से ही आता है और जब बृहस्पति गोचर में कहीं पीड़ित हो जाते हैं वक्र हो जाते हैं। यह गोचर पांच राशियों के लिए अच्छा है लेकिन चूंकि बृहस्पति वक्री हो गए तो फल नहीं कर पाए इसलिए तीन राशियां ऐसी है जिनके ऊपर इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है। उनके लिए भी चूंकि दशा नाथ वक्री हो गया तो वह अच्छा नहीं है। इसलिए और कुछ राशिया ऐसी है जिनके लिए बृहस्पति इस समय 6, 8 12 में चल रहे हैं। उनके लिए भी चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही थी।
कर्क राशि एक ऐसी राशि है जो चंद्रमा की राशि है। गुरु यहां पर निश्चित तौर पर अच्छे फल करते हैं। गुरु कर्क राशि के जातकों के लिए भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं। भाग्य स्थान के स्वामी का मार्गी होना अच्छा है क्योंकि भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। 11वें भाव से गोचर कर रहे गुरु का पंचम को दृष्टि देना अच्छा है। मनी का फ्लो बढ़ जाएगा, प्रमोशन यदि पेंडिंग है तो प्रमोशन हो सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा आपकी बढ़ती हुई नजर आएगी। यदि आप सिंगल है क्योंकि पंचम एक्टिव है और सप्तम भी एक्टिव है। सप्तम आपके पार्टनर का भाव होता है, लाइफ पार्टनर सप्तम से आता है। सप्तम के ऊपर भी गुरु की दृष्टि है तो निश्चित तौर पर यह स्थिति सिर्फ रिलेशनशिप ही नहीं बनवाएगी बल्कि शादी तक बात ले जाएगी। जितने भी कर्क राशि के जातक हैं उनके लिए गुरु का मार्गी होना 11वें भाव में बहुत अच्छे फल लेकर आएगा। यहां पर निश्चित तौर पर चीजें थोड़ी सी बेटर होती हुई नजर आएंगी। गुरु चूंकि पांचवी दृष्टि तीसरे भाव को देंगे, पराक्रम में वृद्धि होगी। भाई के साथ आपका बेटर तालमेल होगा, बहुत सारी चीजें ऐसी होंगी जो गुरु की कृपा से गुरु की दृष्टि से बहुत इजी हो जाएंगी। कर्क राशि के जातकों को 11वें भाव के अच्छे फल मिलेंगे। तीसरे भाव के अच्छे फल मिलेंगे। इसके अलावा गुरु चूंकि पंचम को देख रहे हैं जिनकी शादी हो चुकी है, उनको खुशखबरी भी सुनने को मिल सकती है। यहां पर कर्क राशि के जातकों के लिए 11वें भाव से गुरु का गोचर निश्चित तौर पर अच्छा है।गुरु की जो धनु राशि है वह आपके लिए छठे भाव में आ जाती है। कोर्ट का केस है, कोई रोग है तो वहां पर भी सुधार होता हुआ अब आपको नजर आ सकता है। क्योंकि प्लेनेट अब मार्गी हो गया है तो निश्चित तौर पर यहां पर कर्क राशि के जातकों को बहुत अच्छी खबरें मिलेंगी। 4 फरवरी के बाद यहां पर जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है।
जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है तो उनको ये उपाय अवश्य करने चाहिए-
गुरु की रिस्पेक्ट करिए।
गुरु फलदार पेड़ों के कारक है कारक है तो कोई एक फलदार पेड़ लगाइए जैसे-जैसे वो पेड़ बढ़ेगा उससे आपको गुरु के अच्छे फल मिलते हुए नजर आएंगे।
ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें।
नरेश कुमार
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