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Guru Margi 2025: 120 दिन के लिए गुरु मार्गी, वृश्चिक राशि को मिलेगी बड़ी राहत

Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Feb, 2025 11:32 AM

देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं

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Guru Margi 2025: देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में चल रहे और 9 अक्टूबर से वक्री हैं 4 फरवरी को बृहस्पति मार्गी हो गए हैं। बृहस्पति कुंडली में ऐसे ग्रह हैं जो आपको तमाम तरह के संतुष्टि वाले फल देते हैं। धन तो वीनस भी देते हैं लेकिन संतुष्टि आपको बृहस्पति से ही आती है। बृहस्पति इतने इंपॉर्टेंट है आपके लिए आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12 में से चार भावों के कारक बृहस्पति होते हैं। दूसरा भाव धन का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति हैं। पांचवा भाव सुत भाव संतान का भाव होता है ,उसके कारक बृहस्पति हैं। नौवा भाव भाग्य स्थान होता है उसके कारक बृहस्पति है। 11वां भाव आपके आय का भाव होता है उसके कारक बृहस्पति है। इन चार भावों के बृहस्पति कारक होते हैं तो मोटे तौर पर आपके भाग्य आपकी आय और धन आपकी संतान यह चारों बृहस्पति के जरिए ही आती है। इसके अलावा बृहस्पति जहां पर बैठते हैं वहां का असर करते हैं। जहां पर बृहस्पति की तीन दृष्टियां जाती हैं, वहां का असर करते हैं।  सबसे बड़ी बात जब बृहस्पति आपके चंद्रमा के ऊपर से आते हैं तो आपको संतुष्टि देते हैं। यदि चार्ट में आपके चंद्रमा के केंद्र में भी आ जाए तो बृहस्पति आपको संसार सुखों संतुष्ट देते हैं। तो यह संतुष्टि का जो भाव है आय के साथ-साथ फैमिली के साथ-साथ संतान के साथ-साथ संतुष्टि का भाव है। यह बृहस्पति से ही आता है और जब बृहस्पति गोचर में कहीं पीड़ित हो जाते हैं वक्र हो जाते हैं। यह गोचर पांच राशियों के लिए अच्छा है लेकिन चूंकि बृहस्पति वक्री हो गए तो फल नहीं कर पाए इसलिए  तीन राशियां ऐसी है जिनके ऊपर इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है। उनके लिए भी चूंकि दशा नाथ वक्री हो गया तो वह अच्छा नहीं है। इसलिए और कुछ राशिया ऐसी है जिनके लिए बृहस्पति इस समय 6, 8 12 में चल रहे हैं। उनके लिए भी चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही थी। 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर इस समय सप्तम भाव में हो रहा है। सप्तम का गुरु का गोचर सबसे पहले तो अच्छा होता है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु धन भाव के स्वामी हो जाते हैं। इसके साथ-साथ वो आपके पंचम भाव के स्वामी हो जाते हैं यानी कि त्रिकोण भाव के भी स्वामी है। धन भाव के स्वामी है तो सबसे पहले गुरु क्या करेंगे अपनी दो राशियों के तो फल करेंगे ही करेंगे। गुरु की दृष्टि यहां पर जा रही है आपके 11थ भाव के ऊपर। 11थ आपकी आय का भाव है, आपकी एलिवेशन का भाव है, तरक्की का भाव है।  निश्चित तौर पर गुरु की दृष्टि होने के कारण और गुरु की स्थिति सुधरने के कारण सबसे पहले तो मनी फ्लो बढ़ेगा। प्रमोशन यदि पेंडिंग है तो प्रमोशन हो सकती है, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। गुरु की आपकी अपनी राशि के ऊपर आ रही है तो निश्चित तौर पर पॉजिटिव आप रहेंगे। गुरु 15 मई को आगे निकलेंगे उससे पहले पहले गुरु आपके लिए पॉजिटिव फल करके जाएंगे। यहां पर सप्तम के गोचर में आपके लाइफ पार्टनर से संबंधित फल अच्छे हो जाएंगे। आपके पार्टनर से संबंधित फल अच्छे हो जाएंगे। यहां पर गुरु तीसरे भाव को देखेंगे नौवी दृष्टि से तो निश्चित तौर पर तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव होता है। भाई के साथ तालमेल बेटर हो जाएगा। यदि आपको सर्वाइकल से संबंधित समस्या है तो वहां पर वो ठीक होती हुई नजर आ सकती है। इसके अलावा क्योंकि गुरु धन भाव के स्वामी हैं तो धन में वृद्धि करेंगे। आय भाव के ऊपर गुरु की दृष्टि है वहां पर वृद्धि होगी तो निश्चित तौर पर इसका रिफ्लेक्शन आपके धन में नजर आएगा। गुरु इस भाव के कारक भी हैं इस भाव के कारक गुरु का मार्गी होना आपके लिए अच्छा है क्योंकि पंचम के स्वामी गुरु हैं। संतान पक्ष से अच्छी खबर आ सकती है, संतान नहीं है तो संतान होने की खबर आ सकती है। 

जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है तो उनको ये उपाय अवश्य करने चाहिए- 
गुरु की रिस्पेक्ट करिए। 

गुरु फलदार पेड़ों के कारक है कारक है तो कोई एक फलदार पेड़ लगाइए जैसे-जैसे वो पेड़ बढ़ेगा उससे आपको गुरु के अच्छे फल मिलते हुए नजर आएंगे। 

ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें। 

नरेश कुमार
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