Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Dec, 2023 08:22 AM
गुरबाणी में गुरु नानक देव जी ने लिखा है ‘पवनु गुरु पानी पिता माता धरत महत’। तो आइए, हम उनके आदेश का पालन करें और हवा, पानी तथा पृथ्वी को साफ रखना शुरू करें। हम पृथ्वी पर गंदगी फैलाना बंद करें।
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Guru Nanak's Teachings: गुरबाणी में गुरु नानक देव जी ने लिखा है ‘पवनु गुरु पानी पिता माता धरत महत’। तो आइए, हम उनके आदेश का पालन करें और हवा, पानी तथा पृथ्वी को साफ रखना शुरू करें। हम पृथ्वी पर गंदगी फैलाना बंद करें। प्लास्टिक के लिफाफे और कूड़ा-कर्कट इधर-उधर गलियों में फैंकने से नालों का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है, पाइप बंद हो जाते हैं।
अत: हम अपनी एक आदत बना लें कि हमें कूड़ा-कर्कट इधर-उधर नहीं फैंकना, डस्टबिन में ही फैंकना है। री-साइकल की जा सकने वाली वस्तुओं को फैंकना नहीं है। डिस्पोजेबल बर्तनों और लिफाफों की जगह बायोडिग्रेडेबल (अपने आप गल-सड़ कर मिट्टी में मिल जाने वाली) वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
आजकल पानी भी बिक रहा है। पानी में हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कई तरह के रासायनिक पदार्थों (कैमिकल्ज) की वृद्धि हो रही है। जल स्तर काफी नीचे जा रहा है। धरती पर पानी के भंडार समाप्त हो रहे हैं। पानी का प्रयोग बहुत सावधानी से करें। नल बिना मतलब न चलता रहे।
घर में फालतू बत्ती जलती रहती है। जितने अधिक बल्ब जलेंगे, उतनी अधिक गर्मी होगी। फिर उस गर्मी को ठंडा करने के लिए हम ए.सी. लगाते हैं; जिससे ऑक्सीजन में कमी और कार्बनडाइऑक्साइड में वृद्धि होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आराम से रहने के कारण हमें और अधिक रोग लगते हैं। तो, आइए बिजली का कम से कम उपयोग करें। जब जरूरत न हो तो लाइट बंद कर दें। ए.सी. का उपयोग कम से कम करें। बाहर खुले में सोना शुरू करें। शहरों में फ्लैटों में रहने वाले मजबूर हैं लेकिन जो सो सकते हैं, वे तो बाहर सो सकते हैं।
प्लास्टिक, घास, पराली आदि के जलने, कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैसें और कई अन्य प्रकार के धुएं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं और विभिन्न शारीरिक रोग भी बढ़ रहे हैं। इनसे बचने की जरूरत है। आवश्यकतानुसार डीजल, पैट्रोल आदि का प्रयोग करें। जरूरत न होने पर कार, स्कूटर आदि का इंजन बंद कर दें।