Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jul, 2024 07:32 AM
गुरु के आशीर्वाद से बनते हैं सब काम। गुरु इस पृथ्वी पर साक्षात ईश्वर है। गुरु शिष्य के पाप को धोता है। जो पूरे सद्गुरु के नाम का जाप करता है, उसे केवल मोक्ष ही नहीं मिलता, सांसारिक समृद्धि, आरोग्यता, दीर्घायु एवं दिव्य ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Guru Purnima 2024: गुरु के आशीर्वाद से बनते हैं सब काम। गुरु इस पृथ्वी पर साक्षात ईश्वर है। गुरु शिष्य के पाप को धोता है। जो पूरे सद्गुरु के नाम का जाप करता है, उसे केवल मोक्ष ही नहीं मिलता, सांसारिक समृद्धि, आरोग्यता, दीर्घायु एवं दिव्य ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जहां गुरु की कृपा है, वहां योग्य व्यवहार है और जहां योग्य व्यवहार है, वहां रिद्धि-सिद्धि और अमरता है। गुरु एक सौम्य ग्रह है। इसकी महादशा में जीवन के हर्षोल्लास में चार चांद लग जाते हैं। राज्य कृपा, शारीरिक सुख, ऐश्वर्य, धन और खुशियों की वर्षा होती है। व्यक्ति का शत्रु भी लोहा मानने लगते हैं। वह सभी प्रकार से विजय सुख का लाभ प्राप्त करता है। गुरु की महिमा अपरम्पार होती है। शास्त्र तो यहां तक कहता है कि जो निगुरा है (जिसने कोई गुरु न बनाया हो) उसके दर्शन मात्र से ही मनुष्यों के पुण्यों का नाश हो जाता है। किसी कार्य को प्रारंभ करने से पहले शिष्य को गुरु की सलाह लेनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन केले की पूजा, व्रत एवं जो अपने गुरु की पाद पूजा करता है, उसे वर्ष के दौरान सारे कर्मों में सफलता मिलती है।
Moksha Dayan and Pitridosh prevention upay मोक्ष दायीं एवं पितृदोष निवारण उपाय: जिन जातकों की कुंडली में राहू द्वितीय, पंचम, नवम भाव में हो अथवा लगन पर सूर्य-शनि, सूर्य-राहू, चंद्र-राहू एवं शनि-केतु हो तो जातक पितृ एवं प्रेत दोष से पीड़ित होता है तथा ऐसे जातक की वंशवृद्धि, उन्नति को ग्रहण लग जाता है।
On Guru Purnima, you can get benefit by using the following upay गुरु पूर्णिमा पर निम्न प्रयोग करके लाभ उठा सकते हैं : गुरु पूर्णिमा के दिन पितृ दोष, गुरुदोष एवं गृह-क्लेश निवारण के लिए हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, पुष्कर (राजस्थान), पिहोवा, गया (बिहार), प्रयाग, शिरडी, गोवर्धन इत्यादि तीर्थ स्थानों में सूर्योदय से एक घंटा पहले स्नान करके भगवान सत्यनारायण जी की कथा व सद्गुरु एवं भगवान विष्णु जी की पूजा, दान व भजन आदि का विशेष महत्व होता है। तीर्थों के सेवन व गुरु पूजा, ब्राह्मण, कुल पुरोहित व साधु की सेवा व भजन आदि का विशेष महत्व होता है। पाप भस्म होते हैं एवं मन की मुराद पूरी होती है।
For conjugal happiness and home-disease prevention दाम्पत्य सुख एवं गृह-क्लेश निवारण के लिए: एक नए पीले कपड़े में एक मुट्ठी गुड़, चावल, एकाक्षी सिद्ध श्रीफल, चांदी व तांबे के दो सिक्के, एक मुट्ठी लाहौरी नमक, एक मुट्ठी जौ, सिद्ध गोमती चक्र, सुलेमानी हकीक व वशीकरण-मंत्र बांध कर धूप-दीप लगाकर निम्र मंत्र ‘गुरु देव तुम्हारी जय होवे, श्री राम तुम्हारी जय होवे’ 108 बार जाप करके गंगा, यमुना में विसर्जन कर दें अथवा भगवान परशुराम महादेव सिद्ध मंदिर जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) पर चढ़ा दें। ॐ श्री गुरुभ्यो नम:’, ‘कृं कृष्णाय नमः:’ मंत्र पढ़कर गौशाला में सद्गुरु ब्राह्मण को गुड़, चीनी, चावल, चने की दाल, पीला वस्त्र, मोतीचूर के लड्डू, भूमि व गौ दान करने वाले जातकों को नारकीय यातनाएं नहीं सहनी पड़तीं। अपने पूर्वजों के प्रति श्राद्ध व तर्पण करके आशीर्वाद प्राप्त करें तथा विकलांग अनाथालय, अंध विद्यालय, कुष्ठ आश्रम में खीर-पूरी, काले चने की सब्जी, केसरबाटी, दही बड़े व वस्त्र दान करें।
Debt relief, business growth, employment and promotion ऋण मुक्ति, व्यापार वृद्धि, रोजगार एवं पदोन्नति: श्मशान के कुएं का जल, केसर की खीर, पांच मिठाई, धूप-दीप, एक जनेऊ, एक मीठा पान, पांच गेंदे के फूल, भगवान कृष्ण व सद्गुरु का ध्यान करके ॐ श्री सच्चिदानंद गुरवे नम:’ मंत्र के जाप के बाद गंगा, यमुना में विसर्जन कर दें अथवा पुष्कर जी (राजस्थान) में ब्रह्मा जी के मंदिर में चढ़ा दें। पिंजरे में बंद पक्षियों को आजाद करवाएं तथा तीन घोंसले पेड़ या मुख्य द्वार के बाहर लटकाएं। पांच रिश्तेदारों एवं ब्राह्मण, साधु को जिमाएं।