mahakumb

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas: आज है गुरू तेग बहादुर सिंह का शहीदी दिवस, जानें उनकी शहादत की कहानी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Dec, 2024 07:41 AM

guru tegh bahadur shaheedi diwas

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2024: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने अपनी शहादत देकर निर्भय स्वरूप, गौरवपूर्ण जीवन जीने की युक्ति समझाई। गुरु जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व दोनों ही विलक्षण हैं। उन्होंने मनुष्य को ‘मैं’ के बोध से उत्पन्न मोह तथा लोभ...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2024: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने अपनी शहादत देकर निर्भय स्वरूप, गौरवपूर्ण जीवन जीने की युक्ति समझाई। गुरु जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व दोनों ही विलक्षण हैं। उन्होंने मनुष्य को ‘मैं’ के बोध से उत्पन्न मोह तथा लोभ जैसे विकारों से मुक्त हो मुक्तिदाता बनने की प्रेरणा दी। गुरु जी ने अपनी रूहानी बाणी से समूची मानवता को निर्भय एवं स्वतंत्र स्वरूप प्रदान किया। किसी को भय न देने तथा किसी अन्य का भय न मानने का पावन संदेश दिया और कर्त्तव्यपरायणता एवं स्वतंत्रता का स्थायी संकल्प प्रस्तुत किया, बेशक इसके लिए उन्हें अपनी शहादत देनी पड़ी।

PunjabKesari Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas
इतिहासकार लिखते हैं कि कश्मीर के गवर्नर इफ्तिखार खान ने ब्राह्मणों को बुरी तरह से प्रताड़ित कर रखा था। उसके घोर असहनीय अत्याचारों से लाचार एवं दुखी होकर ब्राह्मणों का एक शिष्टदल पंडित कृपा राम के नेतृत्व में श्री आनंदपुर साहिब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शरण में आया और अपनी करुण व्यथा गुरु जी के समक्ष बयान की।

यह सुन कर गुरु जी द्रवित हो उठे। शिष्टदल सिर झुकाए खड़ा था। स्पष्ट था कि उनके अंदर सहम घर कर चुका था। औरंगजेब से टक्कर लेने के लिए वे साहस नहीं जुटा पा रहे थे।

इसी दौरान श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के इकलौते पुत्र बाल गोबिंद राय (श्री गुरु गोबिंद सिंह जी) ने वहां प्रवेश किया। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब अपने सुपुत्र को औरंगजेब के जुल्मों व कश्मीरी ब्राह्मणों के आने की सारी दास्तान सुनाते हैं। बाल गोबिंद राय ने तुरंत प्रश्न किया, ‘‘पिता जी, फिर इनकी रक्षा हेतु क्या करना होगा?’’

पिता गुरु का उत्तर था, ‘‘किसी महापुरुष को शहादत देनी होगी।’’

9 वर्षीय गोबिंद राय ने साहसपूर्वक कहा, ‘‘आपसे महान इस समय दुनिया में कौन है भला। आप ही इनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं और जालिम की धर्मांधता को नकार सकते हैं।’’

PunjabKesari Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas

गुरु जी अपने सुपुत्र के मुखारविंद से यह सुनकर अत्यंत प्रसन्न हुए और कश्मीरी पंडितों को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘‘आप जाओ और औरंगजेब को हमारी तरफ से कहना कि हमारे धार्मिक मार्गदर्शक गुरु तेग बहादुर हैं, यदि वह धर्म परिवर्तन कर लें तो हम सब भी इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे।’’

कुछ दिनों पश्चात गुरु जी ने दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। औरंगजेब ने गुरु जी को बंदी बना लिया। दिल्ली में नुकीली सलाखों वाले पिंजरे में गुरु जी को रखा गया। उन्हें भयभीत करने की हर कोशिश नाकामयाब रही। गुरु जी के समक्ष औरंगजेब की ओर से तीन शर्तें रखी गईं :
पहली : इस्लाम कबूल करो।
दूसरी : करामात दिखाओ।
तीसरी : शहादत हेतु तैयार हो जाओ।

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का निर्भीकतापूर्वक जवाब था, ‘‘धर्म परिवर्तन हमें हरगिज परवान नहीं, करामात दिखाना ईश्वरीय इच्छा की अवहेलना है, अत: वह संभव नहीं। तुम्हारी तीसरी शर्त हमें परवान है।’’

PunjabKesari Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas
गुरु जी के ये वचन सुनकर औरंगजेब आग बबूला हो गया। उनका शीश धड़ से अलग करने का आदेश जारी हुआ। गुरु जी की अंतिम इच्छानुसार कुएं पर स्नान करने की अनुमति दी गई। स्नान के उपरांत जपु जी साहिब का पाठ सम्पूर्ण हुआ। इस दौरान जल्लाद भी आश्चर्यचकित था कि न मृत्यु का भय, न कोई मायूसी। चेहरे पर अलौकिक नूर था, अद्भुत शांति एवं आनंद की अनुभूति थी।
जैसे ही जल्लाद ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की गर्दन पर वार किया, धरती रक्त रंजित हो गई। दिल्ली में भीषण तूफान उठा। सारा आसमान सिहर उठा।

वास्तव में यह तूफान समय पाकर औरंगजेब के साम्राज्य को सड़क पर पड़े सूखे पत्ते की भांति उड़ा ले गया। जिस स्थान पर गुरु जी का पावन शीश गिरा, वहां पर दिल्ली में गुरुद्वारा श्री सीसगंज साहिब सुस्थित है। गुरु जी के पावन धड़ का अंतिम संस्कार श्रद्धालु सिख भाई लक्खी शाह वणजारा ने अपना घर जला कर किया। वहां पर गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब सुशोभित है। भाई जैता जी गुरु जी के पावन शीश को अति विकट परिस्थितियों में श्री आनंदपुर साहिब जी लेकर पहुंचे जहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु पिता के पावन शीश का दाह संस्कार किया।

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत इसलिए विलक्षण एवं बेमिसाल है, क्योंकि उन्होंने समूची मानवता को धार्मिक स्वतंत्रता के परिप्रेक्ष्य में अद्वितीय शहादत दी।
  
(साभार ‘गुरमत ज्ञान’)

PunjabKesari Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas

 

 
 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!