Guru Vakri 2024: 120 दिन के लिए गुरु होंगे वक्री, मिथुन राशि पर ऐसा होगा इसका असर

Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Oct, 2024 08:21 AM

आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति की। देव गुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर को वक्री हो गए हैं और 4 फरवरी तक वक्री अवस्था में रहेंगे। यह एक सामान्य खगोलीय घटना है

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Guru Vakri 2024: आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति की। देव गुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर को वक्री हो गए हैं और 4 फरवरी तक वक्री अवस्था में रहेंगे। यह एक सामान्य खगोलीय घटना है जो हर साल होती है 120 दिन के लिए। सूर्य यदि आपकी कुंडली में लगन में पड़े हैं तो यदि शनि पंचम में आ जाएंगे और डिग्री कली 120 डिग्री पार कर जाएंगे तो वो वक्री हो जाएंगे। ऐसा ही गुरु और मंगल के साथ भी होता है। शास्त्र कहता है कि वक्री प्लेनेट जो होता है उसका चेष्टा बल बढ़ जाता है।  चेष्टा बल बढ़ने का मतलब यह है कि ग्रह जो अपने अच्छे या बुरे परिणाम बहुत तेजी से करता है और इसी कारण इसका अचानक से असर नजर आता है। तो चलिए जानते हैं मिथुन राशि पर कैसा रहेगा इसका असर। 

मिथुन राशि के जातकों के लिए जो बारहवें भाव में गुरु वक्री हो रहे हैं। शास्त्र के मुताबिक गुरु का बारहवें भाव में गोचर  वो अच्छा नहीं होता। गुरु बारहवें भाव में अच्छा फल नहीं करते खास तौर पर जब गुरु दो केंद्रों के स्वामी है। मिथुन राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु दो केंद्रों के स्वामी हो जाते हैं। मिथुन राशि के लिए धनु राशि आ रही है सप्तम भाव में और जो आपकी मीन राशि वो आ रही है दशम भाव में। यानी कि गुरु दशम भाव के स्वामी है। गुरु इसके साथ ही सप्तम भाव के स्वामी है जो दशम का दशम होता है। इन दोनों भावों के स्वामी का 12वें भाव में चले जाना अच्छा नहीं है। गुरु अपने एक घर से तीसरे भाव में बैठे हैं। गुरु अपने एक घर से छठे भाव में बैठे हैं। वक्री अवस्था में गुरु 12वें भाव के अनएक्सपेक्टेड रिजल्ट कर सकते हैं। यहां पर थोड़ा सा सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी। यहां पर मिथुन राशि के जातकों के लिए खर्चे बढ़ सकते हैं। 12वां भाव खर्चों, मोक्ष, हॉस्पिटलाइजेशन का भाव होता है। तो यहां पर सेहत से संबंधित समस्याएं भी आपको देखने को मिल सकती हैं। यदि इस अवधि के दौरान आपको कोई भी फिजिकल प्रॉब्लम होती है। आपको उसके नेगेटिव रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं, यह समय अच्छा नहीं है। अपने पार्टनर की हेल्थ का भी ध्यान रखिए क्योंकि पार्टनर का भाव भी गुरु से संबंधित है. यदि आप मैरिड हैं तो अपने पार्टनर की हेल्थ का भी ध्यान रखिए। कारोबार के मोर्चे पर थोड़ा सा स्ट्रगल करना पड़ सकता है। जिनका कारोबार विदेश से जुड़ा हुआ है वहां पर कुछ अच्छे रिजल्ट जरूर मिल सकते हैं। इसके अलावा आपको कारोबार के मोर्चे पर स्ट्रगल करना पड़ सकता है। कुछ चीजें जो आप करना चाह रहे हैं वह हो सकता है कि डिले हो जाए या आपके मन के मुताबिक ना हो उसके रिजल्ट न मिले। इस अवधि में किसी की भी गारंटी लेने से जरूर बचिए। किसी की गारंटी  मत लीजिए। यदि आप किसी की फाइनेंशियल गारंटी लेंगे तो आप उसमें फंस जाएंगे। यहां पर आपका धन का नुकसान सकता है। किसी अनावश्यक विवाद में नहीं पड़ना। यदि कोई आपको हेल्थ इशू आता है तो इसको थोड़ा सा सीरियसली लीजिए। जहां पर गुरु बैठे हैं वो हॉस्पिटलाइजेशन का भी भाव है तो यहां पर थोड़ा सा सीरियस लेने की जरूरत है।  गुरु का 12वें का गोचर अच्छा नहीं होता और खास तौर पर जब 12वें भाव में जाकर गुरु वक्री हो रहे हैं। यह वैसे भी अच्छा भाव नहीं है और इसलिए आपको थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा। गुरु अपने दोनों केंद्रों के खराब रिजल्ट कर सकते हैं। गुरु जहां पर बैठे हैं उस भाव के खराब रिजल्ट कर सकते हैं। शुक्र के घर में गुरु का वक्री होना वैसे भी अच्छा नहीं है। मिथुन राशि के जातकों को थोड़ा सा सावधान रहना पड़ेगा। पासवर्ड सिक्योर रखिए, हेल्थ का ध्यान रखिए,  किसी की गारंटी मत लीजिए। 

यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है तो ये उपाय जरूर करें- 

जरूरतमंदों को ज्ञान बांटे। 

ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें। 

चने की दाल या फिर पीला वस्त्र गुरुवार के दिन दान करें। 

इसके अलावा आप पुखराज धारण कर सकते हैं लेकिन पुखराज धारण करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित करिए कि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन छठे, आठवें, 12वें भाव में दूसरा भाव में हो। 

नरेश कुमार
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