Guru Vakri 2024: 119 दिन के लिए गुरु होने जा रहे हैं वक्री, इन 5 राशियों का चमकेगा भाग्य

Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Sep, 2024 01:53 PM

आज बात करेंगे गुरु बृहस्पति की। देव गुरु बृहस्पति वक्री होने जा रहे हैं 9 अक्टूबर को। इस समय इनका गोचर वृषभ राशि में हो रहा है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Guru Vakri 2024: आज बात करेंगे गुरु बृहस्पति की। देव गुरु बृहस्पति वक्री होने जा रहे हैं 9 अक्टूबर को। इस समय इनका गोचर वृषभ राशि में हो रहा है। 9 अक्टूबर को वक्री होंगे।  4 फरवरी को मार्गी होंगे यह लगभग 119 दिन का पीरियड है। जब गुरु वक्री रहेंगे और वक्री अवस्था में रहेंगे। हर साल गुरु लगभग चार महीने वक्री रहते हैं। मंगल, शनि और गुरु ये तीन ऐसे ग्रह हैं जो सूर्य के साथ भी आ जाएंगे। कुंडली में सूर्य के सामने शनि, मंगल और बुध गुरु होंगे व स्थिति वक्री वाली होगी। ज्योतिष के मुताबिक जो वक्री अवस्था में ग्रह होता है उसका चेष्टा बल बढ़ जाता है यानी कि वो ग्रह अपना अच्छा या बुरा दोनों तरह का फल करने की चेष्टा ज्यादा करता है। लाइफ में कई बार घटनाएं है वो अचानक हो जाती हैं।जिनकी कुंडली में गुरु वक्री है उनको खास तौर पर यह समझना चाहिए कि आखिर उनको वक्री अवस्था में क्या फायदा या नुकसान हो सकता है। आज बात करेंगे उन पांच राशियों के बारे में जिनके लिए गुरु इस समय अच्छी पोजीशन में चल रहे हैं- 

मेष राशि: गुरु का गोचर हो रहा वृषभ राशि में तो मेष राशि से यह गोचर दूसरे भाव में हो रहा है। अब दूसरे भाव में जब गोचर हो रहा है तो दूसरा भाव धन का भाव है। यहां पर गुरु शुभ गोचर में है। शुभ गोचर में बैठा प्लेनेट जब वक्री हो जाएगा उसका चेष्टा बल बढ़ जाएगा। तो वह अपने शुभ परिणाम करने की ज्यादा चेष्टा करेगा। यानी कि उसके अच्छे फल ज्यादा मिलेंगे। गुरु एक साल के लिए अच्छी पोजीशन में आए हैं लेकिन इन चार महीनों में गुरु ज्यादा अच्छा फल कर सकते हैं। मेष राशि के लिए कारण वह धन भाव से गुजर रहे हैं और धन भाव गुरु का अपना भाव होता है। गुरु इस भाव के कारक ग्रह होते हैं, यहां पर गुरु जब बैठे हैं तो जो दृष्टि जा रही है पांचवी दृष्टि पर। गुरु की दृष्टि आपकी कुंडली में छठे भाव पे जाती है। यहां से कर्ज का विचार किया जाता है। मेष राशि के जातक जिनके ऊपर कोर्ट की कोई कारवाही चल रही है वहां गुरु के प्रभाव के कारण आपको थोड़ी सी राहत मिलती हुई नजर आ सकती है। चूंकि गुरु धन भाव में है तो धन भाव के तो डेफिनेटली फल करेंगे। धन आएगा तो कर्ज की स्थिति थोड़ी सी कमजोर होनी शुरू होगी।  गुरु की दृष्टि आपकी कुंडली में सातवें, अष्टम भाव के ऊपर जा रही है। अष्टम भाव आपका रिसर्च का भाव होता है। अष्टम भाव से ससुराल पक्ष से आने वाले फायदे का विचार किया जाता है। लाइफ पार्टनर सातवें भाव से आता है और लाइफ पार्टनर का धन आठवें भाव से आता है। तो इस भाव के ऊपर गुरु की दृष्टि है तो अचानक कहीं न कहीं से धन लाभ हो सकता है। जिनका काम रिसर्च से जुड़ा हुआ है उनको डेफिनेटली गुरु के इस वक्री अवस्था के दौरान काफी फायदा होगा। गुरु यहां पर आपके लिए अच्छा फल करेंगे। यहां पर गुरु की एक दृष्टि जाती है कर्म स्थान के ऊपर। दशम आपका कर्म का भाव होता है, आपका कारोबार दशम से आता है। गुरु जब दूसरे भाव से गोचर करते हैं तो छठा, दसवां और दूसरा ट्रायंगल एक्टिवेट कर देते हैं। मेष राशि के लिए गुरु भाग्य स्थान के स्वामी हैं। मेष राशि के लिए मित्र ग्रह है ये तो भाग्य स्थान के भी फल अपने गोचर के दौरान अच्छा करेंगे। मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का ये वक्री होना लगभग 120 दिन के लिए 119 दिन का पीरियड है। 

कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर 11वें भाव में हो रहा है। 11वें भाव के कारक ग्रह भी गुरु होते हैं क्योंकि 11वां भाव आय का भाव होता है। 11वां भाव आय का भाव होता है। अब यहां पर जब गुरु बैठते हैं तो गुरु की जो पांचवी दृष्टि जाती है आपके तीसरे भाव के ऊपर। कर्क राशि गुरु की पांचवी दृष्टि आपके तीसरे भाव के ऊपर है। तीसरा भाव आपका पराक्रम का भाव होता है। जब गुरु आपके लिए अच्छी स्थिति में चले जाएंगे तो डेफिनेटली आपको उसका फायदा होगा। कर्क राशि के जातकों के लिए चंद्रमा की राशि है। चंद्रमा और गुरु आपस में मित्र भाव रखते हैं इसलिए डेफिनेटली आपको इसका फायदा जरूर होगा। कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं और भाग्य स्थान के स्वामी का ताकतवर होना आपके लिए अच्छा है। अब यहां पर गुरु सातवीं दृष्टि दे रहे हैं पंचम भाव के ऊपर। कर्क राशि का सातवीं दृष्टि गुरु की पंचम भाव के ऊपर है। कर्क राशि के जितने भी जातक जिनको लग रहा है कि संतान आनी चाहिए लाइफ में तो ये चार महीने डेफिनेटली अच्छे हैं। संतान पक्ष से अच्छी खबर मिल सकती है। कोई भी आप काम करेंगे बुद्धि-विवेक से काम करेंगे। जो स्टूडेंट्स हैं उनके लिए फायदे वाली स्थिति बन रही है। यदि स्टूडेंट्स किसी कंपटीशन एग्जाम में जाते हैं या मनपसंद कॉलेज में एडमिशंस के लिए जाते हैं तो डेफिनेटली जो है वो फायदा हो सकता है। इसी अवधि के दौरान जितने भी लोग विदेश देश में पढ़ने जाते हैं उनके लिए फायदे वाली स्थिति है। जो कपल संतान के लिए ट्राई कर रहे हैं उनके लिए फायदे वाली स्थिति है। जिनके पेरेंट्स कोई रिश्ता ढूंढ रहे हैं उनके लिए भी स्थिति यहां पर अच्छी बन गई है। गुरु की 11वें भाव में जब बैठे हैं तो गुरु की दृष्टि जा रही है आपके सप्तम भाव के ऊपर। यदि आप सिंगल है तो शादी हो सकती है। कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का वक्री होना काफी फायदा हो सकता है। 

कन्या राशि: कन्या राशि के जितने भी जातक हैं करियर के पीक के आस-पास है उनकी कुंडली में गुरु की महादशा चल रही है। ऐसे जातक ऐसे नक्षत्रों में पैदा होते हैं कि उन्हें लाइफ के करियर में पीक के आसपास जाकर गुरु की महादशा मिलती है। तो जो कन्या राशि के जातक हैं उनके लिए गुरु बड़ी अच्छी स्थिति में है और कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर इस समय नाइंथ हाउस में हो रहा है। नाइंथ हाउस भाग्य का स्थान होता है। भाग्य स्थान से गुरु का गोचर होना बहुत अच्छा है। आय का दूसरे भाव के कारक है। जो संतान का भाव है उसके भी कारक गुरु हैं क्योंकि ये भाग्य का भाव है। जब नाइंथ हाउस में गुरु का गोचर होता है और यहां पर गुरु की पहली दृष्टि आपकी राशि के ऊपर ही आती है। यहां पर पॉजिटिविटी लाने का काम गुरु करेंगे। आपको डेफिनेटली इसका फायदा होगा। इसके साथ-साथ गुरु चूंकि तीसरे भाव को भी देखते हैं तो तीसरे भाव के ऊपर गुरु की दृष्टि का मतलब है जो लोग स्पोर्ट से जुड़े हैं उनको  फायदा हो सकता है। भाई की तरफ से अच्छी खबर आ सकती है। गुरु जब भाग्य स्थान के ऊपर से गोचर करते हैं तो नाइंथ दृष्टि से पंचम भाव को देखते हैं। पंचम भाव संतान का भाव है। संतान पक्ष से अच्छी खबर आ सकती है। यह बुद्धि-विवेक का भाव है। जो स्टूडेंट हायर एजुकेशन के लिए जा रहे हैं उनके लिए काफी समय अच्छा है क्योंकि फिफ्थ हाउस से हायर एजुकेशन का भी विचार किया जाता है। गुरु सप्तम के भी स्वामी हैं और गुरु चौथे भाव के भी स्वामी हैं। 

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर सप्तम भाव से हो रहा है और वृश्चिक राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु धन भाव के भी स्वामी बनते हैं। गुरु इनके लिए मित्र ग्रह है तो इनको इसका बहुत फायदा होता है। यहां पर गुरु की जो दृष्टि जाएगी सप्तम भाव में। गुरु की पांचवी दृष्टि आय भाव के  ऊपर जा रही है। यह इच्छाओं का भाव होता है। यहां पर जब गुरु की दृष्टि है तो गुरु इस भाव को एक्टिव किए हुए हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा, तरक्की इसी भाव से देखी जाती है। तो यदि आपकी प्रमोशन पेंडिंग है तो डेफिनेटली गुरु के बलि होने के कारण यह प्रमोशन आपके लिए शुभ है। यहां पर गुरु की सीधी दृष्टि से आपकी राशि को देख रहे हैं। गुरु जब केंद्र से गोचर कर रहे हैं आपकी राशि को दृष्टि दे रहे हैं तो ये आपको मन से भी स्वस्थ रखते हैं। गुरु बैठे हैं तो नाइंथ दृष्टि तीसरे भाव के ऊपर जा रही है। तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव है, आपके छोटे भाई का भाव है। गुरु पंचमेश होकर केंद्र में बैठे हैं, यह एक अच्छी स्थिति है। पंचम भाव के फल भी आपको डेफिनेटली अच्छे मिलेंगे और पंचम स्थान के स्वामी का केंद्र में आना सप्तम में आना जो लोग सिंगल हैं उनके लिए शादी भी एक्टिवेट कर रहे हैं।  

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए गुरु पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। पंचम भाव में गुरु का अपना ही भाव है। गुरु इस भाव के कारक होते हैं। पंचम  संतान का भाव है, ये बुद्धि-विवेक का भाव है। यहां पर जब गुरु गोचर करते हैं तो गुरु आपकी कुंडली के जो लगन का ट्रायंगल होता है यानी कि जो राशि का ट्रायंगल होता है उसको एक्टिवेट करते हैं। यहां पर बैठे गुरु की सबसे पहली दृष्टि जाती है नाइंथ हाउस के ऊपर। नाइंथ हाउस आपका भाग्यस्थान होता है और गुरु इस भाव के कारक भी हैं। मकर राशि के जितने भी जातक करियर के पीक के आस-पास है उनके ऊपर गुरु की ही महादशा चल रही है। मकर राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान को एक्टिव कर रहे हैं। कोई भी नया प्रोजेक्ट आप करते हैं तो वहां पर डेफिनेटली आपको उसका फायदा होता हुआ नजर आएगा। ये गुरु की दृष्टि प्रभाव के कारण होगा। गुरु यहां पर जब बैठे हैं तो सातवीं दृष्टि आपके 11थ हाउस के ऊपर जा रही है। गुरु की दृष्टि इस भाव में होने का मतलब है है यदि आपकी प्रमोशन पेंडिंग है तो प्रमोशन हो सकती है। गुरु धन के कारक होकर सीधी दृष्टि आय स्थान को दे रहे हैं। ये आय में वृद्धि करेंगे। गुरु मकर राशि के जातकों के लिए पराक्रम भाव के स्वामी हैं। आपका जो हौंसला है वो बढ़ा हुआ नजर आएगा। कोई भी डिसीजन लेंगे वो डिटरमिनेशन के साथ लेंगे, पूरे कॉन्फिडेंस के साथ लेंगे। 

गुरु को मजबूत करने के उपाय 

गुरु को मजबूत करने के लिए सबसे आसान उपाय है एक पेड़ लगाएं और रोज उसकी सेवा करें। जैसे-जैसे वो पेड़ बढ़ेगा उतने ही आपको आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। 

अपने गुरुजनों का आदर करें। 

ओम ब्रिम बृहस्पतये नमः का जाप करें। 

नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!