Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Sep, 2024 05:37 PM
वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, संतान, धन, समृद्धि, सौभाग्य और अध्यात्म के कारक गृह गुरु 9 अक्तूबर को वृषभ राशि में वक्री हो जाएंगे। गुरु 4 फरवरी तक वक्री अवस्था में रहेंगे।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Guru Vakri: वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, संतान, धन, समृद्धि, सौभाग्य और अध्यात्म के कारक गृह गुरु 9 अक्तूबर को वृषभ राशि में वक्री हो जाएंगे। गुरु 4 फरवरी तक वक्री अवस्था में रहेंगे। गुरु के वक्री रहने का समय आत्मनिरीक्षण और गहरी आध्यात्मिक एवं दार्शनिक खोज का समय होता है। यह वो समय होता है जब व्यक्ति अपनी जीवन की गलतियों को पहचानता है। आइए जानते हैं मेष से मीन वालों के ऊपर इसका क्या असर पड़ेगा।
मेष: गुरु का गोचर मेष लग्न से दूसरे भाव में हो रहा है लिहाजा जातकों की आर्थिक स्थिति और पारिवारिक संबंधों में उतार चढ़ाव हो सकते हैं। हालांकि, आप धन और मूल्य के बारे में गहरा ज्ञान प्राप्त करेंगे। पिछले कुछ महीनों में आपको वित्तीय क्षेत्र में वृद्धि और समृद्धि मिली है और अब समय आ गया है कि इन अनुभवों का पुनर्मूल्यांकन करें। आप अपनी गहरी मान्यताओं के आधार पर नई आय के स्त्रोत पा सकते हैं।
वृषभ : गुरु का गोचर वृषभ लगन में पहले भाव में हो रहा है और इस दौरान आपका ध्यान व्यक्तिगत विकास पर होगा। यह आत्म परिवर्तन का समय हो सकता है, और पुराने दोस्त भी वापस आ सकते हैं। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। पिछले कुछ महीनों में आपने दुनिया में अपनी जगह बनाई है, चाहे वह आपकी उपस्थिति को विस्तार देना हो या आपकी अनूठी विशेषताओं को अपनाना।
मिथुन: गुरु मिथुन राशि के 12वें भाव में वक्री होंगे। लिहाजा कुछ चीजें आपकी अपेक्षा के अनुसार नहीं हो सकती हैं, आपको नए संकल्प की आवश्यकता हो सकती है। करियर में बदलाव हो सकता है, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ नए अवसर मिल सकते हैं। यह समय विश्राम और आपके आंतरिक संसार में ध्यान लगाने का है। यह आपको व्यक्तिगत विकास में मदद करेगा और आपकी सामाजिक जीवन में भी सुधार करेगा।
कर्क : गुरु आपके 11वे भाव में वक्री हो रहे हैं और यह भाव मित्रता, समुदाय, और आय से संबंधित है। यह समय पहले बनाए गए मित्रों और संबंधों के मूल्यांकन का है। आप इस दौरान यह समझें कि कैसे इन संपकों को और पोषित कर सकते हैं। आपकी सामाजिक मंडलियों और व्यय में परिवर्तन हो सकता है, लेकिन इस दौरान आपको सच्ची मित्रता और मानवीय मूल्यों का अनुभव होगा।
सिंह: लगन कुंडली के 10वें भाव में गुरु का वक्री होना करियर और सार्वजनिक जीवन पुनरावलोकन के लिए अच्छा समय है। आप यह सोचें कि कौन से नए प्रयास वास्तव में आपको प्रेरित कर रहे हैं और आपने कहां खुद को अधिक खींचा है। आपको अपने करियर की प्रगति का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, और आपके लंबे समय से प्रतीक्षित प्रोमोशन के मौके भी बन सकते हैं।
कन्या: गुरु आपकी लग्न कुंडली एक नौवें भाव में वक्री होंगे और यह यात्रा, उच्च शिक्षा और विश्वास प्रणाली से संबंधित भाव है। यह पहले से अर्जित ज्ञान को आत्मसात करने और इसे अपने जीवन के उद्देश्य की समझ में गहराई तक उतारने का है। इस अवधि में आपके आध्यात्मिक विश्वास और उच्च शिक्षा का पुनर्मूल्यांकन हो सकता है। यह आपके लिए अपने जीवन साथी के साथ किसी आध्यात्मिक स्थान की यात्रा का भी सही समय हो सकता है।
तुला: गुरु का लगन से आठवें भाव में वक्री होना बड़े परिवर्तन और शोध का संकेत है। यह आपको भावनात्मक, आर्थिक या आध्यात्मिक परिवर्तन में सहायक स्रोतों को पहचानने का अवसर देता है। यह आपके लिए निवेश के बारे में अधिक जानने का अच्छा समय है, लेकिन गोपनीयता से जुड़ी कुछ समस्याएं सामने आ सकती हैं। आपको अपने भाई-बहनों के साथ संवाद की आवश्यकता होगी यदि कोई समस्या चल रही है।
वृश्विक: गुरु आपके सप्तम भाव में वक्री हो रहे हैं, जिससे आपके रिश्तों और सोहेदारी पर ध्यान केंद्रित होगा। मई 2024 से आप कई नए रिश्तों का अन्वेषण कर रहे हैं, और अब समय आ गया है कि आप यह महसूस करें कि कौन से रिश्ते स्थायी विकाय की क्षमता रखते हैं। पुराने प्रोजैक्ट फिर से सामने आ सकते हैं। यह वह समय होता है जब व्यक्ति अपने जीवन में की गई गलतियों को यहचानता है और उन्हें सुधारने का प्रयास करता है।
धनुः गुरु आपके छठे भाव में वक्री हो रहे हैं । जिससे आपके दैनिक जीवन, स्वास्थ्य और कार्य आदतों पर प्रभाव पड़ेगा। आपको अपने स्वास्थ्य के लिए सख्त दिनचर्या का पालन करने की आवश्यकता है। घर और परिवार में कुछ गतिशीलता हो सकती है, विशेष रूप से पुरानी समस्याओं के समाधान के लिए। दैनिक जीवन में अनुशासन आपको और अधिक उत्पादक और खुशहाल बना सकता है।
मकर: गुरु आपके पांचवें भाव में वक्री हो रहे हैं, जिससे आपके प्रेम संबंध, रचनात्मकता और आत्म अभिव्यक्ति पर ध्यान केंद्रित होगा। अब यह समय है कि आप अपनी रचनात्मक ऊर्जा को सार्थक रूप से उपयोग करें, जो आपके सच्चे स्वभाव से मेल खाती हो। आपको अपनी कलात्मक रुचियों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए, और आप कुछ नई रुचियां शुरू कर सकते हैं। आपके बच्चे भी ध्यान की मांग कर सकते हैं।
कुंभ: गुरु आपके चौथे भाव में वक्री ही रहे हैं, जिससे आपका ध्यान घर और परिवार के जीवन पर जाएगा। यह समय है कि आप अपने परिवार के मूल्यों और सिद्धांतों को पोषित करें। घर और संपति से संबंधित कुछ पुराना काम पूरा हो सकता है। घरेलू जीवन में उथल पुथल हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति का अवसर भी होगा।
मीन: गुरु आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं, जिससे आपका ध्यान संवाद, भाई-बहनों के साथ संबंध छोटी यात्राएं और आपके आस-पास के वातावरण पर केंद्रित होगा। हाल के परिवर्तनों ने आपकी धारणाओं का विस्तार किया है। जो आपके जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
गौरी जैन (वास्तु एक्सपर्ट)