Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Dec, 2023 06:58 AM
दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी और माता गुजरी जी के शहादत जोड़ मेल के अवसर
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फतेहगढ़ साहिब (सुरेश): दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी और माता गुजरी जी के शहादत जोड़ मेल के अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सिख जत्थेबंदियों, धार्मिक सभा-सोसायटियों और संगत के सहयोग से गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब से गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब तक विशाल शहादी नगर कीर्तन सजाया गया।
नगर कीर्तन दौरान सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह, शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्दर सिंह धामी, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा, शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह 96वें करोड़ी। दल बाबा बिधि चंद के प्रमुख बाबा अवतार सिंह सुरसिंह, बाबा निहाल सिंह हरी बेलों वालों की ओर से बाबा नागर सिंह, बाबा मोहन सिंह बारन वालों सहित बड़ी संख्या में प्रमुख शख्सियतों ने सम्मिलत होकर साहिबजादों को श्रद्धा और सम्मान भेंट किया।
इस मौके लाखों की संख्या में संगत भी नगर कीर्तन में शामिल होने के लिए श्री फतेहगढ़ साहिब की धरती पर पहुंची हुई थी। नगर कीर्तन की शुरूआत से पहले गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में आसा की वार का कीर्तन हुआ और मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह ने छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी के जीवन इतिहास से सम्बन्धित विचार किया। इस दौरान संगति रूप में जपुजी साहिब के पाठ बाद में ज्ञानी हरपाल सिंह ने अरदास की और संगत को पवित्र हुक्मनामा सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाया। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और शिरोमणि कमेटी प्रधान एडवोकेट हरजिन्दर सिंह धामी ने पांच प्यारों और निशानची सिंहों को सिरोपा भेंट किए। नगर कीर्तन में विभिन्न गतका अखाड़ों ने सिख मार्शल आर्ट गतका के जौहर दिखाते हुए साहिबजादों को श्रद्धांजलि भेंट की और बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थियों ने भी भाग लिया।
नगर कीर्तन का सारे रास्ते संगत और सभा-सोसायटियों द्वारा जहां हार्दिक स्वागत किया गया, वहीं विभिन्न प्रकार के लंगर भी लगाए गए। जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कौम को दिए आदेश अनुसार नगर कीर्तन दौरान 10 बजे संगत ने सामूहिक रूप में मूल मंत्र के जाप करके साहिबजादों और माता गुजरी जी को श्रद्धांजलि भेंट की।