Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Jun, 2024 06:52 AM
मक्का के सबसे गर्म महीने में ही इस बार हज यात्रा भी आयोजित हो रही है और ऐसे में लाखों हज यात्रियों को लू लगने का खतरा है। सबसे अधिक खतरा बुजुर्ग हज यात्रियों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को है। इस महीने
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काहिरा (प.स.): मक्का के सबसे गर्म महीने में ही इस बार हज यात्रा भी आयोजित हो रही है और ऐसे में लाखों हज यात्रियों को लू लगने का खतरा है। सबसे अधिक खतरा बुजुर्ग हज यात्रियों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को है। इस महीने लाखों मुसलमान हज यात्रा करने वाले हैं, लेकिन मक्का में भीषण गर्मी के कारण हज यात्रियों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ने की आशंका है।
दुनिया भर से 20 लाख से अधिक मुसलमान हज के लिए यहां आते हैं। इस साल वार्षिक हजयात्रा 14 जून से 19 जून के बीच 6 दिनों तक चलने की उम्मीद है। मक्का में इस दौरान तापमान 50 डिग्री सैल्सियस के पार जा सकता है। इसकी वजह से हज यात्रियों, विशेष रूप से वृद्धों और विभिन्न बीमारियों से पहले से ही पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो सकता है।
पिछले साल हज यात्रा के दौरान 2,000 से अधिक हज यात्रियों पर गर्मी का असर पड़ा था। सऊदी अरब सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा और भीषण गर्मी से राहत के लिए अत्यधिक गर्मी को कम करने के मकसद से क्लाऊड सीडिंग जैसी उन्नत वर्षा वृद्धि तकनीकों का उपयोग करने की नई रणनीतियों पर विचार कर रही है।
गर्मी के प्रभावों को कम करने के अन्य कदमों में मुफ्त पानी, मिस्टिंग स्टेशन (तापमान को कम करने की व्यवस्था जो खुले स्थानों को ठंडा रखती है) और अच्छी स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं प्रदान करना शामिल है। ये अभियान तीर्थयात्रियों को हल्के कपड़े पहनने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और दिन के समय की गतिविधियों को सीमित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हज यात्रा उन सभी वयस्क मुसलमानों के लिए अनिवार्य होती है जो आर्थिक और शारीरिक रूप से कम से कम एक बार हज करने में सक्षम हैं।