Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jan, 2025 12:42 PM
Vastu Shastra Tips for Shoes: वास्तु शास्त्र का मूल सिद्धांत ऊर्जा का संतुलन है और हर घर की भौतिक स्थिति और दिशा के अनुसार परिणाम अलग हो सकते हैं। यह हमेशा व्यक्ति की व्यक्तिगत धारणाओं और अनुभवों पर भी निर्भर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के...
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Vastu Shastra Tips for Shoes: वास्तु शास्त्र का मूल सिद्धांत ऊर्जा का संतुलन है और हर घर की भौतिक स्थिति और दिशा के अनुसार परिणाम अलग हो सकते हैं। यह हमेशा व्यक्ति की व्यक्तिगत धारणाओं और अनुभवों पर भी निर्भर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बाहर जूते-चप्पल टांगने या रखने का विश्लेषण कई कारकों पर निर्भर करता है। इस विषय पर कुछ पहलुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:
Benefits of Keeping Shoes Outside the House घर के बाहर जूता-चप्पल टांगने के लाभ:
नकारात्मक ऊर्जा का अवरोध:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल अक्सर बाहरी ऊर्जा को संग्रहित करते हैं। इन्हें घर के बाहर टांगने से बाहरी नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश नहीं करती।
शारीरिक और मानसिक स्वच्छता:
जूते-चप्पल घर के अंदर ले जाने पर धूल-मिट्टी और कीटाणु घर में फैल सकते हैं। बाहर रखने से यह समस्या कम हो जाती है, जिससे घर के अंदर स्वच्छता बनी रहती है।
धार्मिक दृष्टिकोण से शुद्धता:
भारत में घर को पवित्र स्थान माना जाता है। जूते-चप्पल बाहर टांगने से घर का मुख्य द्वार और आंतरिक क्षेत्र शुद्ध और पवित्र रहता है।
हानि:
मुख्य द्वार पर अवरोध:
यदि जूते-चप्पल मुख्य द्वार पर अनियमित रूप से टांगे या रखें जाएं, तो यह ऊर्जा प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर सकता है। मुख्य द्वार को वास्तु में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है और इसका अवरोधित होना शुभ नहीं माना जाता।
नकारात्मक छवि का निर्माण:
यदि जूते-चप्पल असावधानी से टांगे जाएं तो यह घर के बाहरी सौंदर्य और आकर्षण को खराब कर सकता है, जिससे घर में प्रवेश करने वालों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अव्यवस्थित ऊर्जा का प्रभाव:
यदि जूते-चप्पल को अव्यवस्थित तरीके से बाहर रखा जाए, तो यह परिवार के सदस्यों में मानसिक तनाव और अव्यवस्था का संकेत दे सकता है।
विशेष सुझाव:
सफाई और व्यवस्था: जूते-चप्पल को एक निश्चित और साफ-सुथरी जगह पर रखें या टांगें।
मुख्य द्वार से दूरी: जूते-चप्पल को मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।
सूर्य की दिशा का ध्यान रखें: इन्हें पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है क्योंकि यह ऊर्जा को संतुलित करने में सहायक हो सकता है।