Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Apr, 2024 08:39 AM
हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं। प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हालांकि कई
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Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं। प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हालांकि कई स्थानों में यह पर्व कार्तिक मास (हिन्दू माह) के कृष्णपक्ष के चौदहवें दिन भी मनाई जाती है।
Fast and worship method of Hanuman Jayanti हनुमान जयंती की व्रत एवं पूजा विधि: आइए जानते हैं कि हनुमान जयंती को कैसे मनाया जाता है। नीचे व्रत एवं पूजा विधि का विवरण दिया जा रहा है। इस दिन तात्कालिक तिथि (राष्ट्रव्यापी) को लिया जाता है।
व्रत की पूर्व रात्रि को ज़मीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें।
प्रात: जल्दी उठकर दोबार राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें।
जल्दी सवेरे स्नान और ध्यान करें।
अब हाथ में गंगा जल लेकर व्रत का संकल्प करें।
इसके बाद पूर्व की ओर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
अब विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें।
आगे षोडशोपचार की विधि-विधान से श्री हनुमान जी की आराधना करें।
Mythology of Hanuman Jayanti हनुमान जयंती की पौराणिक कथा
अंजना एक अप्सरा थीं, हालांकि उन्होंने श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लिया और यह श्राप उन पर तभी हट सकता था जब वे एक संतान को जन्म देती। वाल्मीकि रामायण के अनुसार केसरी श्री हनुमान जी के पिता थे। वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे। अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों तक भगवान शिव की घोर तपस्या की और परिणाम स्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमान जी को प्राप्त किया। ऐसा विश्वास है कि हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार हैं।
Hanuman Jayanti begins हनुमान जयंती का शुभारंभ
23 अप्रैल 2024 को 03:27:59 से पूर्णिमा आरम्भ
24 अप्रैल 2024 को 05:20:30 पर पूर्णिमा समाप्त
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
9005804317