Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Apr, 2025 09:28 AM
Hanuman Jayanti 2025: हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद सदियों से चले आ रहे हैं। एक मत के अनुसार हनुमान जी का जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाए जाने का...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Hanuman Jayanti 2025: हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद सदियों से चले आ रहे हैं। एक मत के अनुसार हनुमान जी का जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाए जाने का विधान है तो दूसरे मत अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर केसरी नंदन का जन्मदिन मनाया जाता है। वास्तविकता में चैत्र पूर्णिमा हनुमान जी का जन्मदिन है व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी हनुमान जी का विजय दिवस है।
Hanuman Ji Favourite Zodiac Signs: इन राशियों का कभी नहीं होता अमंगल, हनुमान जी बनाए रखते हैं विशेष कृपा
मेष और वृश्चिक: मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी मंगल हैं। मंगल देव का दिन मंगलवार हनुमान जी को समर्पित है क्योंकि इस दिन इनका जन्म हुआ था और मंगल ग्रह पर हनुमान जी शासन करते हैं। इन दोनों राशियों को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
सिंह और कुंभ राशि
सिंह और कुंभ राशि हनुमान जी को बहुत प्यारी हैं। मंगल कामना और भावना से हनुमान जी के साथ जुड़ने से वे सभी तरह के संकटों से मुक्ति दिला देते हैं। हनुमान जी इन राशियों को जीवन के प्रत्येक संकट से निकाल लेते हैं और इनके जीवन में संकटमोचन बन कर सभी संकटों का अंत करते हैं। इन दोनों राशियों को मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके अतिरिक्त सभी 12 राशियों के जातको को अपने मंगल हेतु हनुमान जयंती पर इस विधि से पूजा करनी चाहिए।
Hanuman Jayanti Puja Vidhi हनुमान जयंती पूजा विधि: घर की उत्तर दिशा में लाल वस्त्र बिछाकर हनुमान जी के चित्र की स्थापना कर विधिवत पूजा करें। तांबे के दीपक में चमेली के तेल का दीपक करें, गुगल से धूप करें, सिंदूर से तिलक करें, लाल फूल चढ़ाएं व गुड़-चने का भोग लगाएं। लाल चंदन की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग प्रसाद स्वरूप में वितरित करें।
Hanuman Jayanti Puja Mantra हनुमान जयंती पूजा मंत्र: ॐ हनुमते नमः