Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Apr, 2023 07:35 AM
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य, शनि व राहु के दोषों के निवारण हेतु हनुमान आराधना विशेष मानी जाती है। चैत्र मास की पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र मिलने पर हनुमान जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ जाता है।
Hanuman Jayanti: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य, शनि व राहु के दोषों के निवारण हेतु हनुमान आराधना विशेष मानी जाती है। चैत्र मास की पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र मिलने पर हनुमान जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ जाता है। इस दिन विशेष रूप से की गई हनुमान साधना रोग, शोक व दुखों को मिटाकर विशिष्ट फल देती है। शास्त्रानुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को एकादश रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म पुर्णिमा तिथि और हस्त नक्षत्र के संयोग में हुआ था।
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हनुमान जयंती पर संकट मोचन से मनचाहे गिफ्ट की आशा रखने वाले करें कुछ खास
मेष: एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी पर बूंदी चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृष: रामचरितमानस के सुंदर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मीठा रोट चढ़ाकर बंदरों को खिलाएं।
मिथुन: रामचरितमानस के अरण्य-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर पान चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
कर्क: पंचमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी पर पीले फूल चढ़ाकर जलप्रवाह करें।
सिंह: रामचरितमानस के बाल-काण्ड पाठ करें तथा हनुमान जी पर गुड़ की रोटी चढ़ाकर भिखारी को खिलाएं।
कन्या: रामचरितमानस के लंका-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान मंदिर में शुद्ध घी के 6 दीपक जलाएं।
तुला: रामचरितमानस के बाल-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर खीर चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृश्चिक: हनुमान अष्टक का पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ वाले चावल चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
धनु: रामचरितमानस के अयोध्या-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर शहद चढ़ाकर खुद प्रसाद रूप में खाएं।
मकर: रामचरितमानस के किष्किन्धा-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मसूर चढ़ाकर मछलियों को डालें।
कुंभ: रामचरितमानस के उत्तर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मीठी रोटियां चढ़ाकर भैसों को खिलाएं।
मीन: हनुमंत बाहुक का पाठ करें तथा हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग की ध्वजा या पताका चढ़ाएं।