Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Oct, 2022 08:17 AM
![hanuman ji sindoor story](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2021_7image_08_04_130413106tuesdayhanumangmain-ll.jpg)
हनुमान’ शब्द में दो शब्दों का मेल है। एक है ‘हनु’ और दूसरा है ‘मान’ अर्थात ऐसा व्यक्तित्व जिसके मान (अभिमान-अहंकार) के भाव का पूर्णत: हनन हो चुका है। जिसे मान-सम्मान की कोई इच्छा नहीं हो
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Hanuman ji sindoor story: ‘हनुमान’ शब्द में दो शब्दों का मेल है। एक है ‘हनु’ और दूसरा है ‘मान’ अर्थात ऐसा व्यक्तित्व जिसके मान (अभिमान-अहंकार) के भाव का पूर्णत: हनन हो चुका है। जिसे मान-सम्मान की कोई इच्छा नहीं हो वही हनुमान है। साधक, भक्त को अहं ही ऊंचा नहीं उठने देता है। अभिमान ही सबसे प्रबल शत्रु है व्यक्ति का। श्री हनुमान जी का जीवन स्वयं ही एक आदर्श जीवन है। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि श्री हनुमान जी के समान दूसरा बड़भागी नहीं है और न कोई दूसरा इनसे बढ़कर श्री राम चरण का अनुरागी ही है।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
![PunjabKesari Hanuman ji sindoor story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_07_084487952hanuman-ji-5.jpg)
एक बार किसी कारण के वशीभूत हो हनुमान जी माता सीता के कक्ष में गए तो वहां माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देख कर हनुमान जी ने बाल सुलभ जिज्ञासा व्यक्त की, ‘‘माता आपने मांग में यह कौन-सा द्रव्य लगाया है?’’
सीता जी ने बताया, ‘‘वत्स, यह मंगल का सूचक सिंदूर है। इसके लगने से मेरे स्वामी श्री राम दीर्घायु होंगे और वह मुझ पर प्रसन्न भी रहेंगे।’’
![PunjabKesari Hanuman ji sindoor story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_59_009538865hanuman-ji-6.jpg)
हनुमान जी ने यह सोच कर कि जब चुटकी भर सिंदूर स्वामी की दीर्घायु कर सकता है तब अगर मैं सारे शरीर पर धारण करूं तो वह अमर हो जाएंगे। उन्होंने जैसा सोचा वैसा ही कर दिखाया। उनके सारे शरीर को सिंदूरी रंग में रंगा देख सभा में उपस्थित सभी लोग हंसे, यहां तक कि भगवान राम भी उन्हें देख कर मुस्कराए और बहुत प्रसन्न हुए।
उनके सरल भाव पर मुग्ध होकर उन्होंने घोषणा की कि जो मंगलवार के दिन मेरे अनन्य प्रिय हनुमान को तेल और सिंदूर चढ़ाएंगे, उन्हें मेरी प्रसन्नता प्राप्त होगी और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
![PunjabKesari Hanuman ji sindoor story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_57_469820310hanuman-ji-3.jpg)
इस पर माता जानकी के वचनों से हनुमान जी को और भी अधिक दृढ़ विश्वास हो गया। तब से हनुमान जी ने सिंदूर धारण करना प्रारंभ कर दिया। हनुमान भक्त भी हनुमान जी की प्रसन्नता और कृपा के लिए चमेली के तेल में सिंदूर घोल कर हनुमान जी के सारे शरीर पर मलते हैं।
Hanuman ji ko sindoor ka chola: इससे हनुमान जी को चोला चढ़ाना भी कहते हैं। विश्वास किया जाता है हनुमान जी के दाहिने कंधे के सिंदूर का तिलक लगाकर अनेक बिगड़े कार्य बनाए जा सकते हैं।
Hanuman ji ko sindoor chadhane ka mantra: घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए हनुमान जी को सिंदूर लगाते समय इस मंत्र का जाप करें- सिंदूर रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम
![PunjabKesari kundli](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_44_380375196kundli-pics-jpg.jpg)