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दुनिया का इकलौता मंदिर, जहां स्त्री स्वरूप में विराजित हैं राम भक्त हनुमान

Edited By ,Updated: 23 Jan, 2017 09:33 AM

hanuman mandir in chhattisgarh

दुनिया में हनुमान जी के बहुत सारे मंदिर हैं। छतीसगढ़ में हनुमान जी का मंदिर स्थित है, जहां रामभक्त हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री स्वरूप में पूजे जाते हैं। यह दुनिया

दुनिया में हनुमान जी के बहुत सारे मंदिर हैं। छतीसगढ़ में हनुमान जी का मंदिर स्थित है, जहां रामभक्त हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री स्वरूप में पूजे जाते हैं। यह दुनिया का इकलौता मंदिर है। माना जाता है कि मंदिर में स्थापित हनुमान प्रतिमा दस हजार वर्ष पुरानी है। कहा जाता है कि इस मंदिर में श्रद्धा अौर विश्वास से हनुमान जी के दर्शन करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। 

 

कहा जाता है कि प्राचीन काल में रतनपुर में पृथ्वी देवजू नामक राजा थे। राजा रामभक्त हनुमान जी के अन्यन भक्त थे। राजा को एक बार कुष्ट रोग से ग्रसित हो गए। इस रोग से राजा दुखी होकर अपने जीवन से निराश हो चुके थे। एक रात हनुमान जी ने स्वप्न में आकर मंदिर बनवाने के लिए कहा। राजा ने मंदिर का निर्माण करवाया। जब मंदिर का निर्माण हो गया तो हनुमान जी ने फिर से स्वप्न में आकर अपनी प्रतिमा को महामाया कुण्ड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया। राजा ने जब महामाया कुंड में हनुमान प्रतिमा को देखा तो वह नारी स्वरूप में थी। राजा ने हनुमान जी के आदेशानुसार उस प्रतिमा को स्थापित कर दिया। 

 

रामभक्त हनुमान जी की ये प्रतिमा दक्षिणामुखी है। प्रतिमा के बाएं कंधे पर श्री राम और दाएं पर लक्ष्मण जी विराजमान हैं। हनुमान जी के पैरों के नीचे दो दैत्य हैं। माना जाता है कि हनुमान जी ने प्रतिमा की स्थापना के बाद राजा ने कुष्ट रोग से मुक्ति अौर लोगों की मन्नतें पूर्ण करने की प्रार्थना की थी। उसके बाद राजा को कुष्ट रोग से मुक्ति मिल गई थी। 

 

कैसे पहुंचे
रतनपुर से करीब 25 कि.मी. दूर बिलासपुर है। देश के सभी बड़े शहरों से बिलासपुर के लिए रेल गाड़ियां अौर बसें चलती हैं। 


 

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