Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Jan, 2025 12:17 PM
अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार 3,15,36,000 सैकेंड का समय एक वर्ष के बराबर होता है। इसे 8760 घंटे या 5,25,600 मिनट के बराबर मान सकते हैं।
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Happy New Year: अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार 3,15,36,000 सैकेंड का समय एक वर्ष के बराबर होता है। इसे 8760 घंटे या 5,25,600 मिनट के बराबर मान सकते हैं। प्राय: इस समय के बाद ही नववर्ष का आगमन होता है, लेकिन समय की सुईयां नए साल में भी अपनी गिनती अविराम रूप से जारी रखती हैं। विश्व भर में नववर्ष मनाने के अलग-अलग तरीके सदियों से प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे त्यौहार के रूप में मनाते हैं तो कुछ पारम्परिक तरीके से।
जापान
जापान में नववर्ष भारत के दीपावली त्यौहार की तरह मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों एवं गली-मोहल्लों की सफाई तथा मकानों को रंग-रोगन करते हैं। गृहणियां अपने घरों की सजावट आकर्षक ढंग से करती हैं तथा लोग सज-धज कर संगीत की लय पर नाचते-गाते हैं। नववर्ष का प्रथम दिन डाकियों के लिए भी विशेष महत्व का होता है तथा इस दिन डाक में आए पत्र, कार्ड एवं उपहारों को प्राप्त करने पर पावक व्यक्ति डाकियों को भी कई उपहार देते हैं। जापानी लोग मानते हैं कि नववर्ष के दिन उपहार प्राप्त होने पर वर्ष भर उपहार मिलेंगे। इसी प्रकार जापानी लोग पुराने वर्षों के कर्जों को नववर्ष के दिन चुका देना अच्छा मानते हैं।
इंगलैंड एवं अमरीका
इंगलैंड एवं अमरीका में नववर्ष का त्यौहार आकर्षक ढंग से मनाया जाता है। मूलत: ईसाई धर्म की बहुलता होने से क्रिसमस (25 दिसम्बर) के तुरंत बाद लोग नववर्ष की तैयारियों में जुट जाते हैं। यहां के गिरजाघरों में 31 दिसम्बर को रात के 11 बजे से घंटियां धीमे-धीमे तथा शोकपूर्ण आवाज में बजती हैं, जो लोगों को बीते वर्ष में मरे संबंधियों एवं प्रियजनों की याद दिलाती हैं तथा माहौल शोकपूर्ण एवं गमगीन हो जाता है। इसके बाद ठीक 12 बजे एकदम घंटियां तेजी से तथा मधुर स्वर में बजने लगती हैं जो लोगों को नववर्ष के प्रति उत्साह से भर देती हैं। इसके बाद शुरू होता है लोगों की मस्ती का दौर। पटाखों की आवाज तथा खुशियों के अम्बार में डूबे लोगों का उत्साह तथा एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देने का दौर नववर्ष में नव उत्साह से कार्य करने की प्रेरणा देता है। नववर्ष के दिन प्रत्येक घर का मुखिया खाने की टेबल को सजाकर उस पर एक बड़े कटोरे में सोंठ, अदरक एवं चाय से बना पेय रखता है। प्रत्येक परिजन उसमें से एक-एक चम्मच पीकर एक-दूसरे के लिए मंगलमय भविष्य की कामना करता है। लंदन में 31 दिसम्बर की रात पिकेडली सर्कल, ट्रेफलगर स्क्वायर की इमारतों आदि पर भव्य रोशनी की जाती है। इसके साथ हजारों लोग रंग-बिरंगे कपड़े एवं टोपियां पहन कर नाचते हैं। अमरीका, कनाडा आदि में कुछ लोग 31 दिसम्बर की रात्रि को नाइट क्लबों, नाचघरों, सिनेमाघरों में जाकर नववर्ष का इंतजार करते हैं। इन पश्चिमी देशों में प्राय: क्रिसमस से लेकर नववर्ष के प्रथम सप्ताह तक उत्साह का माहौल रहता है तथा उससे कार्यालयों का कामकाज भी प्रभावित होता है। बधाई कार्ड की शुरूआत भी संभवत: इन्हीं देशों द्वारा प्रारंभ हुई थी।
अफ्रीकी देश
इसके विपरीत अफ्रीकी देशों में नववर्ष का नजारा कुछ अलग होता है। यहां लोग 31 दिसम्बर को आग बुझा देते हैं तथा नए वर्ष के प्रथम दिन फिर जलाते हैं और इसके बाद खुशी एवं उत्साह से नववर्ष का स्वागत करते हैं। दक्षिण अफ्रीका में गलू जाति के लोग इस दिन अपने बेटे-बेटियों की शादी धूमधाम से करते हैं तथा शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा निहत्थे खूंखार सांड से लड़कर अपने साहस एवं पराक्रम का परिचय देता है। इन लोगों के अनुसार इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं तथा वर्ष भर खुशियां देते रहते हैं।
स्पेन
अंगूरों का एक कटोरा हाथ में लेकर- चाहे अपने घर में हों या दोस्तों के साथ- आप भी स्पेनिश नववर्ष की पूर्वसंध्या की परम्परा में भाग ले सकते हैं, जिसे ‘लास डोसे उवास डे ला सुएर्टे’ (भाग्य के बारह अंगूर) कहा जाता है। जैसे ही घड़ी रात के 12 बजाती है, हर घंटी के साथ तालमेल बिठाते हुए 12 अंगूर खाए जाते हैं, हर अंगूर समृद्धि के एक महीने का प्रतिनिधित्व करता है।
यूनान
यूनान में लोग रात को 12 बज कर 1 मिनट पर गिरजाघरों के पीछे जमीन में स्वर्ण मुद्राएं गाड़कर उस पर सौभाग्य के जन्म का प्रतीक एक पौधा लगाते हैं।
यूगोस्लाविया
यूगोस्लाविया में नववर्ष के दिन लोग सूअर के बच्चे की पूंछ का स्पर्श करते हैं तथा इसे सुख-समृद्धि का शुभ शगुन माना जाता है।
म्यांमार
म्यांमार में नववर्ष के उत्सव को ‘तिजॉन’ कहते हैं। ‘तिजॉन’ के दिन प्रात:काल ही भगवान बुद्ध की मूर्तियों को सुगंधित जल से स्नान कराया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है, फिर एक-दूसरे पर सुगंधित जल का छिड़काव करना शुभ मानते हैं।
मलेशिया, जावा, सुमात्रा एवं थाईलैंड
इन देशों में लोग इस दिन वर्ष भर के कार्यों की योजना बनाते हैं। इसी दिन वे देवपूजा एवं बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करना भी शुभ मानते हैं। निश्चित रूप से नववर्ष अपने अंदर असीम संभावनाओं को समाहित किए रहता है तथा विश्व भर के लोग नववर्ष में शुभ कार्यों की प्रतीक्षा में तथा बीते वर्ष को भुलाने की परम्परा को अपने-अपने ढंग से निभाते हैं।