Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Sep, 2024 06:25 AM
5 सितम्बर को हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्र की भावी पीढ़ी को सुसंस्कृत करना, सद्गुणों से युक्त करना एक अच्छे
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Happy Teachers Day 2024: 5 सितम्बर को हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्र की भावी पीढ़ी को सुसंस्कृत करना, सद्गुणों से युक्त करना एक अच्छे शिक्षक का उत्तरदायित्व है। किसी भी राष्ट्र का आधार उस राष्ट्र का युवा वर्ग होता है। अगर युवा वर्ग को माता-पिता और गुरु द्वारा सही मार्गदर्शन मिले तो वह राष्ट्र की नई ऊंचाइयों को छू सकता है। एक भावी नागरिक का निर्माण करना आदर्श शिक्षक के हाथ में है। माता-पिता के बाद अगर किसी का स्थान है तो वह गुरु का है।
शिक्षक दिवस मनाने का तात्पर्य है कि शिक्षक और शिष्य को अपने-अपने कर्तव्य का बोध हो। गुरु की शिष्य के प्रति कैसी भावना होनी चाहिए और शिष्य की गुरु के प्रति कैसी श्रद्धा होनी चाहिए, इन सबका बोध कराने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आज की शिक्षा पद्धति में नैतिक मूल्यों का समावेश न होने के कारण शिक्षक और शिष्य दोनों अपने लक्ष्य से विमुख हो गए हैं। शिक्षक का शिष्य के प्रति कोई लगाव नहीं है और शिष्य के मन में भी गुरु के प्रति कोई आदर सत्कार की भावना नहीं है। ऐसी मूल्यविहीन शिक्षा पद्धति से देश का नुक्सान हो रहा है।
‘गुरु देवो भव:’ के आदर्श को मानने वाले देश में शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए किसी एक दिन की जरूरत नहीं बल्कि उनका आदर तो हमेशा करना चाहिए।
5 सितम्बर का दिन हमारे शिक्षकों के लिए समर्पित है। इस दिन हमें उन सभी का हार्दिक धन्यवाद करना चाहिए जिनसे जीवन में कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है जिनकी छत्रछाया में बैठकर जीवन निर्माण की शिक्षा ली है। अध्यापक हमारे जीवन में उस सूर्य के समान हैं जिसके ज्ञान रूपी प्रकाश से हम अपने जीवन को हमेशा प्रकाशित कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों का कर्तव्य बनता है कि वे अपने अध्यापकों का एक दिन के लिए नहीं अपितु जीवन भर सम्मान करें क्योंकि गुरु के द्वारा ही उसने जीवन में सफलता को प्राप्त किया है।