Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Sep, 2024 06:25 AM
दिलचस्प तथ्य यह है कि शिक्षक दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है लेकिन अनेक देशों ने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। भारत में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस
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Happy Teachers Day 2024: दिलचस्प तथ्य यह है कि शिक्षक दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है लेकिन अनेक देशों ने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। भारत में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को द्वारा 1994 में शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भावी पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया गया था। चीन में 1939 में कन्फ्यूशियस के जन्मदिन 27 अगस्त को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया लेकिन 1951 में घोषणा वापस ले ली गई। 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया। अब वहां अधिकांश लोग फिर चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्मदिन शिक्षक दिवस हो। अक्तूूबर के पहले रविवार को रूस में 1965 से 1994 तक शिक्षक दिवस मनाया जाता था। 1994 से 5 अक्तूबर को ही विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। अमरीका में शिक्षक दिवस मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को घोषित किया गया जिसे पूरे सप्ताह मनाया जाता है। थाईलैंड में हर साल 16 जनवरी को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद पढ़ाई-लिखाई में उनकी काफी रुचि थी। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने 1916 में दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया और मद्रास रैजीडैंसी कॉलेज में इसी विषय के सहायक प्राध्यापक का पद सम्भाला।
राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिए। उनका मानना था कि बिना शिक्षा के इंसान कभी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता इसलिए इंसान के जीवन में एक शिक्षक होना बहुत जरूरी है।
देश के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद उन्हें जवाहरलाल नेहरू ने राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों की पूर्ति करने का आग्रह किया। 1952 तक वह इसी पद पर रहे जिसके बाद उन्हें देश का पहला उपराष्ट्रपति नियुक्त किया गया। 1962 में वह देश के दूसरे राष्ट्रपति बने।
जब वह राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा। उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मेरा जन्मदिन मनाने की बजाय यदि 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाए तो गर्व की बात होगी।’’
तभी से उनके सम्मान में 5 सितम्बर को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। लंबे समय तक बीमार रहने के बाद 17 अप्रैल, 1975 को उनका निधन हो गया।